West Bengal : लॉटरी बेचनेवाले मालामाल, खरीदनेवाले हो रहे कंगाल

चामुर्ची : जलपाईगुड़ी जिले के अन्य हिस्सों की तरह डुवार्स क्षेत्र में भी लॉटरी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. बेरोजगार लोग अपनी छोटी सी पूंजी से यह कारोबार किसी भी सड़क किनारे या फुटपाथ पर शुरु कर देते हैं. कुल मिलाकर उनकी कमाई अच्छी-खासी है. हालांकि लॉटरी खरीदने वाले ज्यादातर लोग आर्थिक और पारिवारिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2018 1:43 AM
चामुर्ची : जलपाईगुड़ी जिले के अन्य हिस्सों की तरह डुवार्स क्षेत्र में भी लॉटरी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. बेरोजगार लोग अपनी छोटी सी पूंजी से यह कारोबार किसी भी सड़क किनारे या फुटपाथ पर शुरु कर देते हैं. कुल मिलाकर उनकी कमाई अच्छी-खासी है. हालांकि लॉटरी खरीदने वाले ज्यादातर लोग आर्थिक और पारिवारिक रूप से तबाह हो रहे हैं.
हर छोटे बाजार और चाय बागानों में कुछ लोग मेज लगाकर लॉटरी बेचने की दुकान सजा लेते हैं. वहीं लॉटरी खरीदने वालों की भीड़ सुबह से ही इन दुकानों में रिजल्ट मिलाने के लिए जमा हो जाती है. चामुर्ची बाजार और न्यू चामुर्ची के भूटान चेकपोस्ट के पास एक कतार में ऐसी दुकानें दिखाई पड़ती हैं.
चामुर्ची इलाके में लॉटरी खरीदने वाले दिवानगी की हद तक लॉटरी के टिकट खरीदने में अपना सबकुछ दांव पर लगा देते हैं. यहां तक कि वे अपने घर के खर्चे के रुपये भी रातों-रात अमीर बनने के लिए अपने गाढ़े पसीने की कमाई झोंक देते हैं. दुकानदार ऐसी खबरें उड़ा देते हैं कि किसी को 50 लाख तो किसी को 70 लाख की लॉटरी लग गई. यह सुनकर आम आदमी लॉटरी खरीदने में जुट जाता है. ऐसे में वह अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को भी भूल जाता है.
अपना सबकुछ गंवाने के बाद भी जब उनमें कंगाली की नौबत आती है तो घर में कलह और अशांति शुरु हो जाती है. स्थानीय कई बुद्धिजीवियों का कहना है कि जुआ आजतक किसी का न हुआ. कहते हैं कि आजतक उन्होंने किसी को लॉटरी से अमीर होते हुए नहीं देखा. हां, कई परिवारों को उजड़ते हुए जरूर देखा है. गत रविवार की ही घटना है.
चूनाभट्टी का एक युवक लॉटरी खरीदने का आशिक था. लॉटरी की लत ने उसे शराबी बना दिया था. शराब के नशे में उसने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी. इसी तरह चामुर्ची पोस्ट ऑफिस के एक कथित कर्मचारी ने उपभोक्ताओं की रकम जमा नहीं कर उससे लॉटरी के ढेर सारे टिकट खरीद लिये. फिलहाल वह फरार है. इसी तरह रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में कितने ही लोगों का परिवार बसने से पहले ही उजड़ गया.
वहीं लॉटरी बेचने वाले एक एजेंट ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमारा तो यह व्यवसाय है, जो अवैध नहीं है. राज्य सरकारें ही लॉटरी का आयोजन करती हैं. हमलोग तो बस अपनी आजीविका चलाते हैं. लाभ के बारे में बताया कि अगर अनसोल्ड टिकटों में कोई बड़ा प्राइज फंस गया तो बल्ले-बल्ले. नहीं तो लॉटरी के दाम और कमीशन मिलना तय है.

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