आदिवासी विकास परिषद को तगड़ा झटका, सैकत चटर्जी ने झंडा थमाकर किया स्वागत, बिरसा तिर्की का चढ़ा पारा

जलपाईगुड़ी : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (आविप) के श्रमिक संगठन पीटीडब्लूयू के जिला स्तरीय एक वरिष्ठ नेता राजू साहनी तृणमूल में शामिल हो गये. मंगलवार को तृणमूल युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सैकत चटर्जी के हाथों राजू साहनी और उनके सहयोगियों ने तृणमूल की सदस्यता ली. उल्लेखनीय है कि राजू सहनी आविप के चाय श्रमिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 30, 2018 2:26 AM
जलपाईगुड़ी : अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (आविप) के श्रमिक संगठन पीटीडब्लूयू के जिला स्तरीय एक वरिष्ठ नेता राजू साहनी तृणमूल में शामिल हो गये. मंगलवार को तृणमूल युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सैकत चटर्जी के हाथों राजू साहनी और उनके सहयोगियों ने तृणमूल की सदस्यता ली.
उल्लेखनीय है कि राजू सहनी आविप के चाय श्रमिक संगठन पीटीडब्लूयू के जिला संयुक्त सचिव हैं. वहीं, कोलकाता से फोन पर पीटीडब्लूयू के राज्य महासचिव तेज कुमार टोप्पो ने बताया है कि तृणमूल में शामिल होने को लेकर राजू साहनी को संगठन से निष्कासित कर दिया गया है.
जबकि आविप के राज्य अध्यक्ष बिरसा तिर्की ने कहा है कि हम लोग अपने संगठन में रहते हुए राज्य सरकार से सहयोग वाली नीति पर चलते हैं. लेकिन किसी राजनैतिक दल में शामिल होना उचित नहीं है. राजू साहनी का यह कदम संगठन से विश्वासघात के बराबर है.
उल्लेखनीय है कि राजू साहनी का जलपाईगुड़ी सदर और राजगंज ब्लॉक के विभिन्न बड़े और छोटे चाय बागानों में काफी दबदबा था.
पंचायत चुनाव के दौरान राजू साहनी के खिलाफ हथियार के साथ हंगामा करने के आरोप में बीते 13 मई को उन्हें गिरफ्तार किया गया. हालांकि मतगणना के दिन 17 मई को उन्हें जमानत मिल गयी.
उसके बाद राजू साहनी तृणमूल में शामिल हो गये. राजू साहनी का कहना है कि आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिये टास्क फोर्स गठन के बावजूद आदिवासी समुदाय को उसका लाभ नहीं मिल रहा था. इसीलिये वे अपने समर्थकों के साथ तृणमूल में शामिल हो गये. इसके लिये उन्होंने सैकत चटर्जी को पत्र देकर तृणमूल में शामिल होने की इच्छा जतायी थी.
आज उनके साथ बहुत से आदिवासी नेता तृणमूल में शामिल हुए हैं. वहीं, सैकत चटर्जी ने कहा कि राजू साहनी जैसे दमदार नेता के शामिल होने से तृणमूल का श्रमिक संगठन मजबूत होगा. तृणमूल के जिला उपाध्यक्ष चंदन भौमिक ने कहा कि राजू साहनी के निकल जाने के बाद आविप में उस तरह का कोई वरिष्ठ नेता कोई नहीं है. अब तृणमूल पहले से मजबूत स्थिति में रहेगी.
इस प्रसंग में आविप के राज्य अध्यक्ष बिरसा तिर्की ने कोलकाता से फोन पर बताया कि आविप एक सामाजिक संगठन है जो आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिये काम करता है. हमने 2014 के लोकसभा और 2016 के विधानसभा चुनावों में तृणमूल का समर्थन किया था. लेकिन राजनैतिक दल में शामिल होना गलत है. हम लोग मुख्यमंत्री के साथ हैं. हम अपने संगठन में रहते हुए तृणमूल के रचनात्मक कार्य का समर्थन करते रहेंगे.

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