प्रदर्शनी में शामिल किये जाने को लगा ग्रहण

मालदा: प्रतिकूल मौसम एवं ग्लोबल वर्मिंग के कारण चन्द्रमल्लिका फूलों के खिलने में इसबार काफी देरी हो रही है. पिछली बार दिसंबर तक चन्द्रमल्लिका का खिलना शुरू हो गया था. इधर मालदा जिला पूष्प प्रदर्शनी का दिन करीब आ रहा है. इसे लेकर फूल उत्पादकों में चिंता देखी जा रही है. हर साल की तरह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 9:52 AM
मालदा: प्रतिकूल मौसम एवं ग्लोबल वर्मिंग के कारण चन्द्रमल्लिका फूलों के खिलने में इसबार काफी देरी हो रही है. पिछली बार दिसंबर तक चन्द्रमल्लिका का खिलना शुरू हो गया था. इधर मालदा जिला पूष्प प्रदर्शनी का दिन करीब आ रहा है. इसे लेकर फूल उत्पादकों में चिंता देखी जा रही है.

हर साल की तरह इस बार भी 28 दिसंबर को जिला फूल मेले का उद्घाटन होना है. चन्द्रमल्लिका नहीं खिलने के कारण मेले की तारीख आगे बढ़ाने की मांग उठाई जा रही है. फूल उत्पादकों का कहना है कि सर्दी बढ़ने के साथ-साथ चन्द्रमल्लिका में कली दिखने लगी है. इसबार सर्दी का असर कम देखा जा रहा है. साथ ही लम्बे समय तक बारिश होने के कारण पौधा रोपण में भी काफी देरी हुई है. अक्टूबर महीने तक मालदा में बारिश होती रही है. जिससे फूल उत्पादनकारियों को चन्द्रमल्लिका के लिए मिट्टी तैयार करने में देरी हो गयी. इस संबंध में जिला फूल प्रदर्शनी में पिछले दो बार के विजेता सुभाष साटियार ने ग्लोबल वर्मिंग को जिम्मेदार ठहराया है.

इसबार उन्होंने 80 विभिन्न प्रजाति के चन्द्रमल्लिका का टब तैयार किया है. वे हर बार जिलावासियों को विशेष प्रजाति के फूल उपहार देते है. उनके अनुसार डालिया, गेंदा या अन्य फूलों एवं सब्जियों को लेकर परेशानी नहीं है. लेकिन 10 फीसदी चन्द्रमल्लिका भी अभी तक नहीं खिलने से परेशानी है. जिले के विभिन्न फूल उत्पादनकारियों ने समस्या को देखते हुए मेले की तारीख आगे ले जाने की मांग की है.


इस संबंध में मालदा जिला फूल मेले के आयोजक मालदा हॉर्टिकल्चर एसोसिएशन के सदस्य मलय साहा ने बताया कि मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है. एैसे में दिन आगे ले जाना संभव नहीं है. इस बीच जितने भी चन्द्रमल्लिका खिले उससे प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी. इसके साथ अन्य फूल तो होंगे ही.

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