बंगाल सरकार को केंद्रीय मंत्री ने चेताया, गोलियां चलाने और नेताओं को जेल भेजने से नहीं होगा दार्जीलिंग समस्या का हल
नयी दिल्ली/कोलकाता: केंद्रीय मंत्री और दार्जीलिंग के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एसएस अहलूवालिया ने पश्चिम बंगाल सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में संकट के हल के लिए अगर वह लोगों के खात्मे का विकल्प चुनती हैं, तो इसका गंभीर प्रतिघात होगा.... उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते […]
नयी दिल्ली/कोलकाता: केंद्रीय मंत्री और दार्जीलिंग के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एसएस अहलूवालिया ने पश्चिम बंगाल सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में संकट के हल के लिए अगर वह लोगों के खात्मे का विकल्प चुनती हैं, तो इसका गंभीर प्रतिघात होगा.
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘गोलियों, जेल और हिंसा से पर्वतीय क्षेत्र की समस्या का हल नहीं होगा.’ पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री ने आशंका जतायी कि राज्य पुलिस गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग को निशाना बना सकती है, जो इस समय छिपे हुए हैं.
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उन्होंने कहा, ‘मुझे उनकी जान की चिंता है.’ अहलूवालिया ने दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में पुलिस की कथित यातनाओं को लेकर कहा, ‘एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी को खत्म करने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.’ गत शुक्रवार को गुरुंग को पकड़ने की कोशिश के तहत छापेमारी कर रही पुलिस की एक टीम पर गुरुंग के समर्थकों ने कथित रूप से गोलीबारी की थी, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गये.
ममता नेपिछलेदिनों नाम लिये बिना कहा था कि एक सांसद दार्जीलिंग और उसके आसपास के इलाकों में हिंसा फैलाने में मदद कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा एक सीट के लिए पर्वतीय क्षेत्र को जलने दे रही है. अहलूवालिया ने बंगाल सरकार पर राजनीतिक संवाद के लिए पहल न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि समस्या का हल परस्पर विश्वास और समझ से ही होगा.
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उन्होंने कहा, ‘मेरे 27 साल के राजनीतिक जीवन में कभी भी किसी ने भी मेरे आचरण पर सवाल नहीं उठाये.’ भाजपा नेता ने कहा कि एक सांसद के तौर पर वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की शिकायतें सुनने के लिए कर्तव्य से बंधे हैं और उनसे बातचीत करना कोई गुनाह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए नक्सलबाड़ी या सिलीगुड़ी के लोग भी दार्जीलिंग या कर्सियांग के लोगों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं.
