गुप्त प्रधान लौटायेंगे साहित्य अकादमी अवार्ड
सिलीगुड़ी. गोरखालैंड आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग की निंदा करते हुए प्रख्यात नेपाली साहित्यकार गुप्त प्रधान ने अपना साहित्य अकादमी अवार्ड लौटने का एलान किया है.उन्हें वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा यह प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान किया गया था. अवार्ड लौटाने की घोषणा श्री प्रधान ने स्वयं की. वह राज्य सरकार द्वारा मिले […]
सिलीगुड़ी. गोरखालैंड आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग की निंदा करते हुए प्रख्यात नेपाली साहित्यकार गुप्त प्रधान ने अपना साहित्य अकादमी अवार्ड लौटने का एलान किया है.उन्हें वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा यह प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान किया गया था. अवार्ड लौटाने की घोषणा श्री प्रधान ने स्वयं की.
वह राज्य सरकार द्वारा मिले भानु सम्मान को भी लौटा रहे हैं. पिछले साल भानु जयंती पर दार्जिलिंग के चौरस्ता में आयोजित एक समारोह के दौरान श्री प्रधान को राज्य सरकार की ओर से यह सम्मान प्रदान किया गया था. श्री प्रधान ने कहा कि पहाड़ पर लोग अलग राज्य की मांग को लेकर गणतांत्रिक आंदोलन कर रहे हैं.
एक गणतांत्रिक देश में सभी को अपनी मांगों को रखने का हक है. लेकिन उनकी मांगें माननी तो दूर,राज्य सरकार की पुलिस उनपर गोलियां चला रही है.वह पहाड़ के लोगों के साथ हैं. यही दर्शाने के लिए वह केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा मिले सम्मान लौटा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि श्री प्रधान नेपाली साहित्य में एक बड़ा नाम हैं. वह पिछले 50 सालों से नेपाली साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं.