घुड़दौड़ के बीच जमेगी कला व संगीत की महफिल

कोलकाता: कला प्रदर्शनी का आयोजन तो आम बात है. कला व संस्कृति की राजधानी कोलकाता में कला प्रदर्शनी, आर्ट वर्कशॉप का आयोजन सालों भर होता रहता है. इसमें स्थानीय कलाकारों से लेकर दुनिया के दिग्गज कलाकार तक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. कला कृतियों को अपने ड्रॉइंग रूम की शान बढ़ाने के शौकीनों द्वारा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2014 9:00 AM

कोलकाता: कला प्रदर्शनी का आयोजन तो आम बात है. कला व संस्कृति की राजधानी कोलकाता में कला प्रदर्शनी, आर्ट वर्कशॉप का आयोजन सालों भर होता रहता है. इसमें स्थानीय कलाकारों से लेकर दुनिया के दिग्गज कलाकार तक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. कला कृतियों को अपने ड्रॉइंग रूम की शान बढ़ाने के शौकीनों द्वारा लगायी जानेवाली बोली एवं उनकी नीलामी भी कोई नयी बात नहीं है.

पर केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में पहली बार एक ऐसी कला प्रदर्शनी की महफिल सजनेवाली है, जहां चारों ओर तेज रफ्तार घोड़े दौड़ रहे होंगे. बछावत फाउंडेशन 29 मार्च को रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब (कलकत्ता रेस कोर्स) में एक कला प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है. इस दौरान एक आर्ट वर्कशॉप का भी आयोजन होगा. प्रदर्शनी के आयोजन का समय दिन के एक बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित किया गया है.

प्रदर्शनी में गणोश हलोई, अछुतन कुदल्लुर, जयश्री चक्रवर्ती, जयश्री बर्मन, जोगेन चौधरी, कार्तिक चंद्र पायेन, लालू प्रसाद साव, परेश माइती, पार्थ प्रतीम देव, प्रकाश कर्मकार, रॉबीन मंडल, सनत कर, शिप्रा भट्टाचार्य, शुभप्रसन्न व सुनील दास जैसे नामचीन कलाकारों की कृतियां पेश की जायेंगी. इसके अलावा आर्ट वर्कशॉप में आदित्य बसाक, अमिताभ धर, वसीम कपूर, शेखर रॉय, तापस कोनार, अरिंदम चटर्जी जैसे आधुनिक कलाकार न केवल भाग लेंगे, बल्कि अपनी कला का प्रदर्शन भी करेंगे. कला प्रदर्शनी में पेश की जानेवाली कला कृतियों की नीलामी भी होगी. बछावत फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी विक्रम बछावत ने बताया कि नीलामी से आनेवाली रकम का आधा हिस्सा कलाकारों को मिलेगा, जबकि आधी रकम आस्था आर्टिस्ट बेनेवलेंट फंड (कलाकार परोपकार फंड) में चली जायेगी.

श्री बछावत ने बताया कि इसके अलावा वहां मौजूद दर्शकों में से व्यक्तित्व, सुंदरता, परिधान एवं आचार के आधार पर आठ को चयन कर उन्हें कलाकृति इनाम में दी जायेगी. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान दर्शकों के बीच शांतिनिकेतन के बाउल कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान घोड़ों की दौड़ भी होती रहेगी. अर्थात एक ही समय में लोग कला, संगीत एवं घुड़दौड़ का लुत्फ एक साथ उठा सकेंगे.

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