मनचाही पोस्टिंग नहीं मिलने पर हाइकोर्ट पहुंचे आरजी कर आंदोलन के दो डॉक्टर

न्यायमूर्ति पार्थसारथी चटर्जी की पीठ में इस मामले की सुनवाई पांच जून को होने की संभावना है.

By GANESH MAHTO | May 31, 2025 12:39 AM

कोर्ट ने स्वीकार की याचिका, पांच जून को सुनवाई की संभावना कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुए दुष्कर्म और हत्या मामले के बाद जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दो डॉक्टरों ने अब हाइकोर्ट का रुख किया है. देवाशीष हल्दर और असफाकुल्ला नय्या का आरोप है कि काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने के बावजूद उन्हें अपनी पसंद की पोस्टिंग नहीं मिली. इस मुद्दे पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है. न्यायमूर्ति पार्थसारथी चटर्जी की पीठ में इस मामले की सुनवाई पांच जून को होने की संभावना है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि काउंसलिंग के दौरान वरिष्ठ रेजिडेंट्स से उनकी पसंद के स्थानों के बारे में पूछा गया था. देवाशीष हल्दर ने हावड़ा जिला अस्पताल को अपनी पहली पसंद बताया था, लेकिन उन्हें मालदा के गाजोल में नियुक्त किया गया है. इसी तरह, अनिकेत महतो और असफाकुल्ला नय्या को भी उनके मनचाहे स्थानों के बजाय दूसरी जगह पोस्टिंग दी गयी है. अनिकेत महतो ने बताया कि वरिष्ठ रेजिडेंट्स की नियुक्ति तीन साल की बॉन्ड अवधि के तहत होती है, जिसमें काउंसलिंग और मेरिट लिस्ट के आधार पर पोस्टिंग तय होती है. हालांकि, इस बार उनके मामले में यह प्रक्रिया नजरअंदाज कर दी गयी. जूनियर डॉक्टरों के संगठन पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फेडरेशन ने इसे सरकार का अनैतिक कदम बताया है. संगठन का कहना है कि अगर चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गयी, तो काउंसलिंग जैसी व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह जाता. फिलहाल, अनिकेत महतो ने अदालत में याचिका दाखिल नहीं की है. लेकिन संगठन के सूत्रों के अनुसार, वह भी जल्द ही इसी मुद्दे पर न्यायालय में याचिका दायर करेंगे.

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