दो साइबर अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़े

विधाननगर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने उच्च माध्यमिक (एचएस) समेत विभिन्न परीक्षाओं के फर्जी प्रश्न पत्र तैयार कर सोशल मीडिया में वायरल करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | March 17, 2025 1:47 AM

उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की शिकायत पर कार्रवाई

2500 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड और दर्जनों मोबाइल जब्त

संवाददाता, कोलकाताविधाननगर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने उच्च माध्यमिक (एचएस) समेत विभिन्न परीक्षाओं के फर्जी प्रश्न पत्र तैयार कर सोशल मीडिया में वायरल करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 2500 प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड और दर्जनों मोबाइल फोन जब्त किये गये हैं. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान श्रीमंत गोराई (19) और अल्फाज शेख ( 25) के तौर पर हुई है. श्रीमंत पुरुलिया के रघुनाथपुर का रहने वाला है, जबकि अल्फाज मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा थाना के मिर्जापुर का निवासी है.पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से विधाननगर साइबर क्राइम थाने में सात मार्च को एक शिकायत दर्ज करायी गयी कि फिजिक्स का फर्जी पेपर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था. इस तरह से राज्य सरकार और उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की छवि धूमिल करने और परीक्षार्थियों को भ्रमित करने के लिए गिरोह के लोग ऐसा कर रहे थे. इसका पता चलते ही उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उसी दिन विधाननगर साइबर क्राइम थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिली. पुलिस ने पहले श्रीमंत को गिरफ्तार किया. उससे लंबी पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और फिर पुलिस ने उसके सहारे अल्फाज शेख को गिरफ्तार किया. श्रीमंत ने अल्फाज के साथ अपना संबंध भी कबूल कर लिया, जो अपराध को व्यवस्थित करने के लिए पूर्व-सक्रिय सिम कार्ड की आपूर्ति किया करता था. अल्फाज को मिर्जापुर के बांदपाड़ा प्राइमरी स्कूल के पास से गिरफ्तार किये जाने के साथ ही उसके कब्जे से 2,500 से अधिक प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 65 कीपैड मोबाइल हैंडसेट और 9 एंड्रॉइड मोबाइल हैंडसेट बरामद किये गये. इस गिरोह में और कोई शामिल है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है.

मामले में बड़ा गिरोह हो सकता है शामिल

पुलिस को संदेह है कि इसके पीछे एक बड़ा गिरोह है, जो इस तरह से सोशल मीडिया पर अपराध में सक्रिय है. गिरोह के लोग सोशल मीडिया में एक वीडियो के जरिये फर्जी पेपर वायरल किया करते थे. केवल एचएस का ही नहीं बल्कि अन्य परीक्षाओं के भी फर्जी पेपर वायरल करते थे.

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