दुष्कर्म पीड़िता की गवाही में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के एक ट्रायल कोर्ट में दुष्कर्म पीड़िता की गवाही दर्ज करने में देरी पर कड़ी नाराजगी जतायी है. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता की गवाही देने की प्रक्रिया को चार महीने के लिए स्थगित कर दिया है.

By BIJAY KUMAR | September 10, 2025 10:35 PM

कोलकाता.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के एक ट्रायल कोर्ट में दुष्कर्म पीड़िता की गवाही दर्ज करने में देरी पर कड़ी नाराजगी जतायी है. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता की गवाही देने की प्रक्रिया को चार महीने के लिए स्थगित कर दिया है. इस पर शीर्ष अदालत के न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि पीड़िता की गवाही को टुकड़ों-टुकड़ों में दर्ज करना चिंता का विषय है और इसके लिए ट्रायल कोर्ट और जांच एजेंसी सीबीआइ, दोनों को स्पष्टीकरण देना होगा. पीठ ने कहा : हमें समझ नहीं आता कि जब गवाह, खासकर पीड़िता स्वयं गवाही देने के लिए कटघरे में आ चुकी हैं, तो उसकी आगे की गवाही चार महीने तक क्यों टाल दी गयी? इस पर ट्रायल कोर्ट को स्पष्टीकरण देना होगा.न्यायाधीशों ने चेतावनी दी कि ऐसी देरी से मुकदमे पर गंभीर असर पड़ सकता है और इससे अभियुक्तों को गवाहों को प्रभावित करने का मौका मिल सकता है. अदालत ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ और लोक अभियोजक की भूमिका पर भी सवाल उठाये कि पीड़िता से गवाही की शुरुआत क्यों नहीं करायी गयी. पीठ ने कहा कि पीड़िता को सबसे पहले गवाही के लिए बुलाया जाना चाहिए था.

राज्य के नदिया जिले में हुए एक दुष्कर्म के मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट ने मामले के एक आरोपी को जमानत दे दी थी और पीड़िता के परिजनों ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है, जिसमें अब तक हुई सुनवाई का ब्यौरा, गवाहों की संख्या और पीड़िता की अंतिम गवाही की तारीख शामिल होनी चाहिए. साथ ही अदालत ने आरोपी को एक सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को तय की.

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