लोन चुकाने के बाद भी कंपनी ने नहीं दिया प्रॉपर्टी डीड, हाइकोर्ट ने लगाया जुर्माना
लोन चुकाने के नौ साल बाद भी फ्लैट का डीड वापस नहीं करने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी पर जुर्माना लगाया है.
कोलकाता. राजारहाट में लोन लेकर एक फ्लैट खरीदने के बाद ब्याज समेत लोन की पूरी रकम चुका दी. इसके बाद भी फ्लैट का प्रॉपर्टी डीड वापस नहीं मिला. उन्होंने फ्लैट के लिए केंद्र सरकार की हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) से लोन लिया था. लोन चुकाने के नौ साल बाद भी फ्लैट का डीड वापस नहीं करने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी पर जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने कंपनी को ””””ऐसी जिम्मेदार संस्था की गैर जिम्मेदारी”””” के लिए फटकार भी लगायी है. हाइकोर्ट ने कहा कि हाउसिंग लोन कंपनी को उस व्यक्ति या व्यक्तियों की पहचान कर विभागीय कार्रवाई करनी होगी, जिनके पास मूल संपत्ति के दस्तावेज थे. अदालत के सूत्रों के अनुसार मई 2016 में उन्होंने सभी ऋण चुका दिये. उसके बाद उन्होंने फ्लैट के मूल दस्तावेज प्राप्त करने के लिए कंपनी में आवेदन किया, लेकिन दस्तावेज वापस करने के बजाय एलआइसी-एचएफएल उन्हें परेशान करता रहा. आलोक जेना नामक व्यक्ति ने हाइकोर्ट में मामला दायर किया. मामले में उनके वकील कल्लोल मंडल ने हाइकोर्ट में शिकायत दर्ज करायी कि कंपनी ऋण चुकाने के बाद भी उनके मुवक्किल को परेशान कर रही है. मामले में अधिकारियों ने व्यावहारिक रूप से हाइकोर्ट में स्वीकार किया कि फ्लैट के मूल दस्तावेज नहीं मिल सके. हाल ही में न्यायाधीश चटर्जी ने कहा कि कंपनी की यह भूमिका निराशाजनक है, वे एक जिम्मेदार वित्तीय संस्थान के रूप में विफल रहे हैं. यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने ऋण चुकाने के नौ साल बाद भी दस्तावेज वापस नहीं किये हैं. हाइकोर्ट ने एजेंसी को आदेश दिया है कि वह अपने खर्च पर मूल दस्तावेज या डुप्लिकेट दस्तावेज या उसकी प्रमाणित प्रति एकत्र करे और अगले आठ हफ्तों के भीतर फ्लैट मालिक को लौटा दे.
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