शिक्षक नियुक्ति घोटाला : नेताओं की चुप्पी पर नाराज तृणमूल के पार्षद ने पकड़े कान

पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले का विवाद लगातार गहराता जा रहा है. हाल ही में अयोग्य शिक्षकों की सूची जारी होने के बाद यह मामला फिर से गरमा गया है. जनता और विपक्ष के सवालों के बावजूद तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं की चुप्पी पर अब पार्टी के अंदर ही सवाल उठने लगे हैं.

By BIJAY KUMAR | September 2, 2025 11:22 PM

हल्दिया.

पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति घोटाले का विवाद लगातार गहराता जा रहा है. हाल ही में अयोग्य शिक्षकों की सूची जारी होने के बाद यह मामला फिर से गरमा गया है. जनता और विपक्ष के सवालों के बावजूद तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं की चुप्पी पर अब पार्टी के अंदर ही सवाल उठने लगे हैं. इस चुप्पी से नाराज होकर युवा तृणमूल नेता और तमलुक नगरपालिका के वार्ड नंबर 10 के पार्षद पार्थ सारथी माइति ने एक अनोखा कदम उठाया है. सोमवार की रात उन्होंने सार्वजनिक रूप से कान पकड़कर उठक-बैठक की और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जनता से माफी मांगी. पार्षद माइति ने आरोप लगाया कि जिले के कई वरिष्ठ नेता पैसे लेकर चुप बैठे हैं. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी लगातार भाषण दे रहे हैं और हम जवाब तक नहीं दे पा रहे. ऐसे में हमारी चुप्पी जनता को गुमराह कर रही है, इसलिए मैं आम लोगों से क्षमा मांगता हूं. उनका यह कदम तुरंत ही चर्चा का विषय बन गया. सोशल मीडिया पर जहां कुछ लोग उनके साहस की सराहना कर रहे हैं, वहीं कई इसे तृणमूल की अंदरूनी कलह का संकेत मान रहे हैं. इस घटना को भाजपा ने तृणमूल पर हमला करने का मौका बना लिया. तमलुक संगठनात्मक जिले के पूर्व भाजपा अध्यक्ष तपन बनर्जी ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि शुभेंदु अधिकारी का इस घोटाले से कोई संबंध नहीं है. दरअसल, असली घोटालेबाज तृणमूल के बड़े नेता ही हैं.

अब अपनी साख बचाने के लिए ऐसे नाटक रचे जा रहे हैं. इस पूरे विवाद पर तमलुक संगठनात्मक तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार राय से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना तृणमूल के भीतर बढ़ते असंतोष और असुरक्षा को दर्शाती है. शिक्षक नियुक्ति घोटाला न सिर्फ पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि जमीनी स्तर पर संगठन में भी दरार पैदा कर रहा है.

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