सुप्रीम कोर्ट ने 26 हजार नौकरियां रद्द करने के फैसले को रखा बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से नियुक्त लगभग 26 हजार नौकरियों को रद्द करने के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
संवाददाता, कोलकाता
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से नियुक्त लगभग 26 हजार नौकरियों को रद्द करने के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार और एसएससी की पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं. न्यायाधीश संजय कुमार और न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मंगलवार को पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा कि नियुक्ति परीक्षा की वास्तविक ओएमआर शीट नहीं मिली है. इसके साथ ही सीबीआइ और जस्टिस बाग कमेटी की जांच के आधार पर यह स्पष्ट है कि नियुक्ति प्रक्रिया में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार हुआ है.
उल्लेखनीय है कि 26 हजार नौकरियों को रद्द करने के मामले में राज्य सरकार, स्कूल सेवा आयोग और बेरोजगारों के एक वर्ग समेत विभिन्न पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं, जिस पर सुनवाई न्यायाधीशों के चैंबर में हुई. दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि अदालत में सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं है. मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने पुनर्विचार की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं.
गौरतलब है कि इससे पहले तीन अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और कई अनियमितताओं के आरोपों पर 25,752 एसएससी नौकरियां रद्द कर दी थीं. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने अनियमितताओं के आरोपों पर 2016 का पूरा पैनल रद्द कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि सही जानकारी के अभाव में योग्य और योग्य उम्मीदवारों को अलग करना संभव नहीं है. इसलिए पूरा पैनल रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी को नये सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. राज्य ने उस आदेश के अनुसार अधिसूचना जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके साथ ही, राज्य सरकार ने फैसले की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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