छात्र संसद चुनाव में कॉलेज विश्वविद्यालय नहीं ले रहे रुचि
पश्चिम बंगाल के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लंबे समय से छात्र संसद चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. इस मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने अदालत में दावा किया कि सरकार ने छात्र चुनाव रोक नहीं रखे हैं. इसके लिए पहले ही परिपत्र जारी किया गया था. लेकिन कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन चुनाव कराने में कोई पहल नहीं कर रहे और न ही इसमें उनकी कोई रुचि है.
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लंबे समय से छात्र संसद चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. इस मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने अदालत में दावा किया कि सरकार ने छात्र चुनाव रोक नहीं रखे हैं. इसके लिए पहले ही परिपत्र जारी किया गया था. लेकिन कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन चुनाव कराने में कोई पहल नहीं कर रहे और न ही इसमें उनकी कोई रुचि है. दूसरी ओर, याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने तर्क दिया कि चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. यदि मतदान नहीं हो रहा है, तो इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए कि कौन-से कॉलेज और विश्वविद्यालय चुनाव कराने में असफल रहे हैं. हाइकोर्ट के न्यायाधीश सुजय पॉल और स्मिता दास डे की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद राज्य के लगभग 365 कॉलेजों और 10 विश्वविद्यालयों को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि सभी पक्षों से जवाब मिलने के बाद ही अगला निर्णय लिया जायेगा. इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
