एसआइआर : बर्थ सर्टिफिकेट की बढ़ी मांग
निगम ऑनलाइन और ऑफलाइन जारी कर रहा प्रमाण-पत्र
निगम ऑनलाइन और ऑफलाइन जारी कर रहा प्रमाण-पत्र
राज्य की अन्य नगरपालिकाएं करें केएमसी का अनुसरण: मेयर
कोलकाता. एसआइआर के लागू होने के साथ ही कोलकाता नगर निगम में विशेष कर जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन को लेकर भीड़ उमड़ रही है. वहीं एसआइआर के लागू होने के पहले तक निगम द्वारा प्रतिदिन 150 जन्म प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे थे. जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के निगम में ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. पर अब भीड़ से निपटने के लिए निगम में अतिरिक्त 10 डेस्क खोले गये हैं. वहीं ऑनलाइन के साथ ही ऑफ लाइन तरीके से भी आवेदन पत्र संग्रह किये जा रहे हैं. यह जानकारी कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने दी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 450 बर्थ सर्टिफिकेट जारी किये गये हैं. मेयर ने बताया कि पहले चैटबॉट के माध्यम से ऑनलाइन 150 जन्म प्रमाण पत्र जारी किये जाते थे. अब इसे बढ़ाकर 450 कर दिया गया है. इसे अगले दो से तीन दिन के भीतर 600 तक पहुंचाने की योजना है. वहीं ऑफलाइन तरीके से करीब 300 सर्टिफिकेट जारी किये जा रहे हैं. मेयर ने बताया निगम मुख्यालय में जल्द ही सिंह द्वार के पास कुछ और डेस्क खोले जायेंगे. मेयर ने कहा कि जिनके बर्थ सर्टिफिकेट का रिकॉर्ड हमारे पास है, उन्हें डुप्लीकेट या एक्स्ट्रा कॉपी जारी किया जा रहा है. मेयर ने बताया कि इन दिनों बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर निगम पर अतिरिक्त दबाव है.
इसके लिए हम बोरो ऑफिस में कार्यरत कर्मियों को निगम में ट्रांसफर कर कार्य करा रहे हैं. ऊपर से पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए लिए प्रतिदिन हमें 150 जन्म प्रमाण पत्र की जांच करनी पड़ रही है.
1972 तक के डॉक्यूमेंट हो चुके है डिजिटल :
मेयर ने बताया कि वर्ष 1972 तक के जन्म प्रमाण से संबंधित कागजातों को डिजिटल कर दिया गया है. ऐसे में 1972 के बाद जिनका जन्म हुआ है उनके प्रमाण पत्र को तलाशने में कोई परेशानी नहीं हो रही है. पर इसके पहले जिनका जन्म हुआ है वैसे लोगों के जन्म प्रमाण पत्र को तलाशने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अन्य नगर पालिकाओं को निगम की तरह करना चाहिए कार्य :
मेयर फिरहाद हकीम राज्य के शहरी विकास मंत्री भी हैं. इसलिए उन्होंने राज्य के अन्य नगर पालिकाओं से अनुरोध करते हुए कहा है कि एसआइआर की वजह से लोग घबराहट में हैं. इसलिए जन्म प्रमाण पत्र को जारी करने के लिए राज्य के अन्य नगर पालिकाओं को भी निगम की तरह ऑनलाइन व्यवस्था करने की जरूरत है.
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