एसआइआर : मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित, 58,20,899 नाम हटाये गये

चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के पहले चरण के बाद मंगलवार को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित कर दी.

By AKHILESH KUMAR SINGH | December 17, 2025 1:24 AM

सुनवाई के लिए जानेवाले मतदाता को डरने की जरूरत नहीं : मुख्य चुनाव अधिकारी

संवाददाता, कोलकाताचुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के पहले चरण के बाद मंगलवार को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित कर दी. इसमें मृत्यु, पलायन और गणना पत्र जमा नहीं करने सहित विभिन्न कारणों से 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटा दिये गये है. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीइओ) मनोज कुमार अग्रवाल ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मसौदा मतदाता सूची से 58,20,899 मतदाताओं के नाम हटाये गये हैं. इनमें 24,16,852 मृत मतदाता हैं. 12,20,039 मतदाताओं का कोई अता-पता नहीं मिला. 19,88,076 मतदाताओं ने स्थान परिवर्तन किया है, जबकि एक लाख 38 हजार 328 मतदाता फर्जी हैं. ड्राफ्ट लिस्ट में 57,604 मतदाता ऐसे हैं, जिनका नाम दर्ज नहीं हुआ है. सीइओ ने कहा कि जिनका नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं आया है, उन्हें बिल्कुल हताश होने की जरूरत नहीं है. फॉर्म – 6 के साथ एक एनेक्सर भर कर उन्हें जमा करना होगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. सुनवाई के बारे में पूछे जाने पर सीइओ ने कहा कि उन्हें नोटिस दी जायेगी या मोबाइल से संपर्क कर सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा.

संबंधित व्यक्ति को दस्तावेज लेकर जिलाधिकारी के कार्यालय में जाना होगा. वहां चुनाव अधिकारी हरसंभव मदद करेंगे. इसमें डरने की कोई जरूरत नहीं है. यह कोई आपराधिक मामले की सुनवाई नहीं है. सीइओ ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि एक भी सही मतदाता का नाम छूटने नहीं दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में एसआइआर चार नवंबर से शुरू हुआ और 11 दिसंबर को खत्म हुआ. अन्य राज्यों की तरह यहां एसआइआर के लिए समय सीमा नहीं बढ़ायी गयी, क्योंकि इसकी जरूरत नहीं पड़ी. उन्होंने इसके लिए बीएलओ और बीएलए की तारीफ की और कहा कि दोनों ने अच्छा काम किया है. सीइओ ने कहा कि सुनवाई के लिए कितने लोगों को बुलाया जायेगा, यह बता पाना संभव नहीं है. जल्द ही यह संख्या सामने आ जायेगी.

जानकारी के अनुसार, एक करोड़ 66 लाख मतदाता इस राज्य के रहने वाले हैं कि नहीं, इसे लेकर आयोग को शक है. जरूरत पड़ने पर उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा और उनके दस्तावेजों की जांच की जायेगी.

एक करोड़ से अधिक वोटरों के गणना फॉर्म में जानकारी संदिग्ध‘नो मैपिंग’ कैटेगरी के वोटरों के अलावा आयोग को एक करोड़ से अधिक वोटरों के गणना फॉर्म में दी गयी जानकारी संदिग्ध लग रही है. इसीलिए उनकी जानकारी को भी वेरिफाई करने का फैसला लिया गया है. सीइओ ने कहा कि अधिकतर मामलों में पिता का नाम, माता-पिता के उम्र से मतदाता के उम्र का फासला शक के घेरे में है. यहां बीएलओ इन सभी के घर जायेंगे और वेरिफाई करेंगे. वेरिफाई करते समय जिनकी जानकारी से बीएलओ संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा.

सुनवाई इआरओ और एइआरओ करेंगेसीइओ ने कहा कि अगले कुछ दिनों में जिन लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा, बीएलओ उनके घर जाकर उन्हें नोटिस देंगे. उन्हें यह भी बताया जायेगा कि उन्हें सुनवाई के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में जाना होगा. संबंधित वोटर को जरूरी दस्तावेजों के साथ तय दिन पर डीएम ऑफिस में पहुंचना होगा. सुनवाई आयोग द्वारा नियुक्त इआरओ और एइआरओ करेंगे. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में 10 एइआरओ नियुक्त किये गये हैं. अगर संबंधित वोटर की जानकारी के वेरिफिकेशन के दौरान अधिकारी संतुष्ट नहीं होते हैं, तो उसका नाम लिस्ट से हटाया जा सकता है.

मतदाता सूची से 58,20,898 नाम हटाये गये हैं, जिससे राज्य के मतदाताओं की संख्या 7.66 करोड़ से घटकर 7.08 करोड़ रह गयी है. अब प्रभावित मतदाताओं के लिए सुनवाई प्रक्रिया लगभग एक सप्ताह में शुरू हो जायेगी, जो अगले एक महीने तक चलेगी. आयोग को लगभग 85 लाख मतदाताओं के गणना पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें 2002 की सूची के साथ नामों में असंगतियां पायी गयी हैं. इन्हें भी सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है. बहरहाल, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सुनवाई के लिए कुल कितने मतदाताओं को बुलाया जायेगा, लेकिन यह संख्या दो करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.

आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि मसौदा मतदाता सूची से नाम हटाये जाने का मतलब प्रभावित मतदाताओं के लिए चुनाव प्रक्रिया का अंत नहीं है. पीड़ित व्यक्ति मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक दावों और आपत्तियों को प्राप्त करने के लिए निर्धारित अवधि के दौरान घोषणा पत्र और सहायक दस्तावेजों के साथ फॉर्म-6 में अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं. विशेष मतदाता सूची पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता ने मतदाताओं की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि जिन मतदाताओं के नाम मसौदा सूची में नहीं हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.

सीएम ममता बनर्जी का भवानीपुर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में

एसआइआर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक के रूप में उभरा है. यहां जनवरी 2025 में सूचीबद्ध 2,06,295 मतदाताओं में से 44,787 नाम हटाये गये, जो विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम क्षेत्र से हटाये गये नामों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है.

किस विधानसभा क्षेत्र से कितने मतदाता हटाये गये

विधानसभा क्षेत्र प्रतिनिधि/मंत्री हटाये गये नाम चौरंगी (उ कोलकाता)नयना बंद्योपाध्याय (टीएमसी विधायक)74,553 कोलकाता पोर्ट फिरहाद हकीम (वरिष्ठ मंत्री/महापौर) 63,730 टॉलीगंज अरूप विश्वास (मंत्री)35,309 दमदम ब्रात्य बसु (शिक्षा मंत्री)33,862 उत्तर दमदम चंद्रिमा भट्टाचार्य (वित्त मंत्री)33,912 चंदननगरइंद्रनील सेन (मंत्री)25,478

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