तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल 31 को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलेगा, एसआईआर पर होगी बात
SIR Bengal: पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर की प्रक्रिया के बीच तृणमूल कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर कई मुद्दे उठाने की तैयारी कर ली है. बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 31 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलेगा. बंगाल की सत्ताधारी पार्टी पिछले कुछ समय से एसआईआर कवायद को लेकर चिंता जता रही है.
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SIR Bengal: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 31 दिसंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार से मुलाकात करेगा. मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन शामिल होंगे. प्रतिनिधिमंडल बंगाल में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद का मुद्दा उठायेगा.
अभिषेक बनर्जी ने की बांग्लादेशी, रोहिंग्या की संख्या बताने की मांग
बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पिछले कुछ समय से एसआईआर पर चिंता जता रही है. शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मांग की कि निर्वाचन आयोग (ईसी) को एसआईआर के तहत पश्चिम बंगाल के लिए प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से हटाये गये 58.20 लाख नामों में से अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की संख्या बतानी चाहिए.
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SIR Bengal: तृणमूल ने का आरोप- ‘खून से सने’ हैं सीईसी ज्ञानेश कुमार के हाथ
इससे पहले, 28 नवंबर को तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की थी. इसमें एसआईआर कवायद से जुड़े ‘काम के दबाव’ के कारण बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) की मौत का आरोप लगाया गया था. प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आरोप लगाया था कि सीईसी ज्ञानेश कुमार के ‘हाथ खून से सने’ हैं.
‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित वोटर लिस्ट मांगेंगे – अभिषेक बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि वह 31 दिसंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार से मिलेंगे और उनसे एसआईआर प्रक्रिया के दौरान ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित 1.31 करोड़ मतदाताओं की सूची प्रकाशित करने का आग्रह करेंगे. कहा कि अगर समयसीमा के भीतर ऐसा नहीं हुआ, सीईसी के कार्यालय का घेराव किया जायेगा.
मैं 31 दिसंबर को दिल्ली जाऊंगा और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मिलकर जवाब मांगूंगा. निर्वाचन आयोग नामों की सूची क्यों जारी नहीं कर रहा है? क्या यह आंकड़ा बंगाल में एसआईआर के बाद भाजपा द्वारा निर्धारित 1-1.5 करोड़ नामों को हटाने के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए है? ज्ञानेश कुमार मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं और वह देश की जनता के प्रति जवाबदेह हैं.
अभिषेक बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस
1.36 करोड़ लोग ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित
पश्चिम बंगाल में 16 दिसंबर को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में लगभग 1.36 करोड़ प्रविष्टियों को ‘तार्किक विसंगतियों’ के लिए चिह्नित किया गया है. 30 लाख मतदाताओं को ‘अमान्य’ के रूप में चिह्नित किया गया है, जिन्हें अगले कुछ हफ्तों में सत्यापन सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा.
वोटर लिस्ट में मिली ऐसी-ऐसी विसंगतियां
- पिता के गलत या बेमेल नाम
- 6 से अधिक बच्चों वाले मतदाताओं का पंजीकरण
- माता-पिता या दादा-दादी के साथ उम्र का अविश्वसनीय अंतर
- 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को गलत तरीके से ‘नये मतदाता’ के रूप में दिखाना
बंगाल में सिर्फ 5.79 प्रतिशत लोगों के ही एसआईआर में हटे हैं नाम
डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर के तहत मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद हटाये गये 58.20 लाख नामों में से अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की संख्या बतानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनसंख्या 10.05 करोड़ है. केवल 5.79 प्रतिशत लोगों के नाम ही हटाये गये हैं.
बंगाल में एसआईआर : एक नजर में
- 52.20 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाये गये
- 24 लाख से अधिक ‘मृत’ मतदाता
- 12 लाख से अधिक मतदाता जो अपने पंजीकृत पते पर नहीं मिले
- 20 लाख मतदाता अपने पिछले निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं रह रहे
- 1.38 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में 2 बार दर्ज हैं
- 57000 से अधिक मतदाताओं के नाम गणना के दौरान सामने आयी अन्य जटिलताओं के आधार पर हटोय गये
- 7,08,16,631 मतदाताओं के नाम हो सकते हैं मसौदा मतदाता सूची में
- 85 लाख मतदाताओं के गणना प्रपत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें 2002 की सूची के साथ नामों में असंगतियां पायी गयीं
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