देउचा-पचामी में दूसरे चरण का कार्य आरंभ करने की प्रक्रिया हुई शुरू

राज्य सरकार अब देउचा-पचामी कोल प्रोजेक्ट में बेसाल्ट खनन के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | October 21, 2025 1:05 AM

संवाददाता, कोलकाता

राज्य सरकार अब देउचा-पचामी कोल प्रोजेक्ट में बेसाल्ट खनन के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. इसे लेकर पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) ने बीरभूम के देउचा-पचामी के दीवानगंज-हरिनसिंघा क्षेत्र में बेसाल्ट खनन के दूसरे चरण को शुरू करने के लिए नया टेंडर जारी किया, जिसके माध्यम से एक खदान विकास कंपनी का चयन किया जायेगा. यह समझौता राजस्व-साझेदारी के आधार पर होगा, यानी कॉरपोरेशन और चयनित कंपनी संयुक्त रूप से राजस्व साझा करेंगे. वर्तमान में, बेसाल्ट खनन का पहला चरण लगभग 12 एकड़ भूमि पर चल रहा है. इस बार, उस कार्य का दायरा लगभग 314.78 एकड़ तक विस्तारित करने की योजना बनायी गयी है. चयनित कंपनी को पहले एक संपूर्ण खदान विकास योजना तैयार करनी होगी और उसके अनुसार खनन गतिविधियां संचालित करनी होंगी. बाद में, पहले चरण की 12 एकड़ भूमि को भी नयी योजना में शामिल किया जायेगा, जिससे कुल 326.78 एकड़ क्षेत्र में एक साथ काम किया जा सकेगा.

जानकारी के अनुसार, बेसाल्ट खनन कार्य का पहला चरण इसी साल फरवरी में शुरू हुआ था. अब तक लगभग 20,000 टन बेसाल्ट निकाला जा चुका है. सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, राज्य की राजस्व हिस्सेदारी 45 प्रतिशत तय की गयी है. पहले चरण में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 71.5 प्रतिशत थी.

निविदा की शर्तों के अनुसार, चयनित कंपनी को पूरे 326.78 एकड़ क्षेत्र का भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (भूवैज्ञानिक रिपोर्ट) तैयार करना होगा और उसके साथ एक संपूर्ण खदान विकास योजना भी तैयार करनी होगी. उस योजना के आधार पर, विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमोदन और पर्यावरणीय मंजूरी लेनी होगी.

निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार पहले ही देउचा-पचामी परियोजना को बंगाल के विकास का उत्प्रेरक”” घोषित कर चुकी है. यहां अपार खनिज संसाधन उपलब्ध हैं. बताया गया है कि यहां लगभग 124 करोड़ टन कोयला और 260 करोड़ टन बेसाल्ट है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये विशाल संसाधन भविष्य में राज्य के औद्योगिक और विद्युत क्षेत्र को एक नयी दिशा प्रदान करेंगे.

उन्होंने कहा : हम चाहते हैं कि यह परियोजना न केवल उद्योग जगत में, बल्कि स्थानीय आजीविका और अर्थव्यवस्था में भी एक नया अध्याय शुरू करे. दूसरे चरण का काम शुरू होने पर, क्षेत्र में लगभग 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर रोजगार का अवसर मिलेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है