नौ जुलाई की हड़ताल के सफल होने को लेकर वाम दल और मजदूर संगठन आशान्वित
पश्चिम बंगाल में नौ जुलाई को होने वाली आम हड़ताल को वाम दल और मजदूर संगठन सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं.
संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल में नौ जुलाई को होने वाली आम हड़ताल को वाम दल और मजदूर संगठन सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं. इस हड़ताल का आह्वान आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी, और मजदूरों के अधिकारों जैसे मुद्दों को लेकर किया गया है. सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अनादि साहू ने बताया कि 10 प्रमुख मजदूर संगठनों ने उदारीकरण, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, संविदा पर काम कराने में वृद्धि और अन्य मुद्दों के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया है. साहू ने उम्मीद जतायी कि कोयला, इस्पात, जूट उद्योगों और परिवहन क्षेत्र की भागीदारी से बंगाल में हड़ताल को अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी. साहू ने यह भी कहा कि भले ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस यूनियनों से जुड़े कुछ कर्मचारी हड़ताल में भाग न लें, लेकिन केंद्र की नीतियों से प्रभावित होने के कारण अधिकांश लोग इसका समर्थन करेंगे. उन्होंने बताया कि वाम राजनीतिक दलों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि यह हड़ताल जनता की समस्याओं को उजागर करने के लिए बुलायी गयी है और उन्हें विश्वास है कि इसे आमलोगों का समर्थन मिलेगा. चक्रवर्ती ने दावा किया कि केंद्र की नयी श्रम नीतियां श्रमिक वर्ग के हितों के लिए हानिकारक हैं. गौरतलब रहे कि 2011 से पश्चिम बंगाल में सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में किसी भी बंद के आह्वान का विरोध किया है. साहू ने यह भी बताया कि वे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) अधिनियम के तहत पारिश्रमिक बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं.
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