समय-सीमा से पहले दस्तावेज अपलोड करने में नाकाम रही तृणमूल सरकार

उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लौटने के बाद मुख्यमंत्री धार्मिक संपत्तियों की रक्षा के नाम पर गुमराह करने वाले संदेश फैला रही हैं.

By GANESH MAHTO | December 11, 2025 1:38 AM

कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दोहरी बात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 का विरोध करने के बावजूद, उनकी सरकार के प्रतिनिधियों ने केंद्र द्वारा बुलायी गयी स्टेकहोल्डर बैठकों में कोई आपत्ति या असहमति दर्ज नहीं की. प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शुभेंदु ने आरोप लगाया कि लखनऊ और दिल्ली में हुई चार बैठकों में से दो में बंगाल के वरिष्ठ नौकरशाह मौजूद थे, फिर भी वे चुप रहे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लौटने के बाद मुख्यमंत्री धार्मिक संपत्तियों की रक्षा के नाम पर गुमराह करने वाले संदेश फैला रही हैं. शुभेंदु ने कहा कि यह राज्य सरकार के दोहरे मापदंड और राजनीतिक पाखंड को उजागर करता है.

शुभेंदु ने यह भी दावा किया कि उम्मीद (डब्ल्यूएएमएसआइ) पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को लेकर केंद्र द्वारा राज्य को बार-बार सूचित करने के बावजूद, राज्य सरकार प्रभावी कार्रवाई करने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप कई दस्तावेज समय सीमा से पहले अपलोड नहीं किये जा सके.

बीते तीन दिसंबर को मुस्लिम बहुल मालदा जिले में एक जनसभा में ममता ने केंद्र के वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर अपनी सरकार के रुख का बचाव करते हुए कहा था कि यह कानून भाजपा ने बनाया है, और उनकी सरकार राज्य में वक्फ संपत्तियों को किसी को छूने नहीं देगी.

ममता का यह बयान राज्य द्वारा छह दिसंबर की समय सीमा तक 82,000 वक्फ संपत्तियों का विवरण केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देशों के बाद आया, जिस फैसले की कई अल्पसंख्यक समूहों और संगठनों ने आलोचना की थी.

शुभेंदु ने दावा किया कि केंद्रीय पोर्टल पर राज्य द्वारा वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण व दस्तावेज समय सीमा से पहले अपलोड नहीं किये जाने की चूक की वजह से अब कई संपत्तियों को कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने जोर दिया कि जब पूरे देश ने पंजीकरण तेजी से पूरा कर लिया, तो बंगाल राजनीतिक कारणों से पीछे रह गया, और इसका सीधा नतीजा मुस्लिम समुदाय को भुगतना पड़ेगा.

बंगाल की बिना रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों को लेकर पैदा हुए संकट के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए शुभेंदु ने राज्य सरकार पर राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के वोटों से सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी ने आज उसी समुदाय को खतरे में डाल दिया है.

मालूम हो कि इस साल अप्रैल में बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जि़ले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गयी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी थी और कई लोग घायल हो गये थे.

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