बांगुर मेडिकल सेंटर पर कार्रवाई की आशंका
आरोप है कि मेडिकल जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के कारण एक युवक को विदेश में नौकरी का अवसर गंवाना पड़ा.
कोलकाता. वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने लेकटाउन स्थित बांगुर मेडिकल सेंटर के खिलाफ जांच का आदेश जारी किया है. आरोप है कि मेडिकल जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी के कारण एक युवक को विदेश में नौकरी का अवसर गंवाना पड़ा. कमीशन के चेयरमैन और पूर्व जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने बताया कि मुर्शिदाबाद के निवासी जामिरूल इस्लाम ने मेडिकल सेंटर के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. जामिरूल ने बताया कि उसने 11 सितंबर को बांगुर मेडिकल सेंटर में जांच करायी थी, जो विदेश में नौकरी के लिए आवश्यक थी. विदेशी संस्था के निर्देश पर करायी गयी इस जांच में रिपोर्ट में उसे अस्वस्थ बताया गया. एचआरसीटी स्कैन में फेफड़ों की बाहरी परत (प्लूरा) में मोटापन (प्लुरल थिकनिंग) दिखाया गया था. इस रिपोर्ट के आधार पर विदेशी संस्थान ने उसे नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. बाद में जामिरूल ने 18 सितंबर को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में फिर जांच करायी, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया. इसके बाद उसने आयोग में शिकायत दर्ज की. सुनवाई के दौरान जस्टिस बनर्जी ने कहा कि मेडिकल सेंटर की रिपोर्ट पर केरल के एक चिकित्सक का डिजिटल सिग्नेचर पाया गया, जिनके नाम से क्लीनिकल लाइसेंस जारी है. उन्होंने सवाल उठाया कि केरल के रजिस्ट्रेशन नंबर पर बंगाल में मेडिकल सेंटर कैसे चलाया जा सकता है? इसके अलावा, रिपोर्ट पर किसी स्थानीय रेडियोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर नहीं थे, जबकि एचआरसीटी जैसी जांच पर ऐसा होना आवश्यक है. इन अनियमितताओं को गंभीर मानते हुए आयोग ने राज्य स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (डीएचएस) को मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया है. डीएचएस की रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग आगे की कार्रवाई करेगा.
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