बालू माफिया के 22 ठिकानों पर इडी की ताबड़तोड़ छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बालू माफिया गिरोह में कथित रूप से शामिल लोगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सोमवार को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल में 22 ठिकानों पर ताबड़तोड़ा छापेमारी की.

By AKHILESH KUMAR SINGH | September 9, 2025 2:22 AM

बेहला, रीजेंट पार्क, विधाननगर और कल्याणी में भी पड़े छापे

संवाददाता, कोलकाताप्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बालू माफिया गिरोह में कथित रूप से शामिल लोगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सोमवार को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल में 22 ठिकानों पर ताबड़तोड़ा छापेमारी की. बेहला, रीजेंट पार्क, विधाननगर और कल्याणी के साथ गोपीबल्लवपुर जैसे स्थानों पर छापे मारे गये. इडी की टीमें व्यापार के रिकॉर्ड, वित्तीय दस्तावेज और संपत्तियों की जांच कर रही है. कोलकाता में इडी ने बेहला और सॉल्टलेक सेक्टर-5 में खनन कंपनी के दो दफ्तरों में छापेमारी की. इस दौरान कई बैंक खातों के कागजात और अन्य दस्तावेज जब्त किये गये हैं. अधिकारी कंपनी के खातों की जांच कर रहे हैं और वहां मौजूद कर्मचारियों से भी पूछताछ की गयी है.

इडी सूत्र बताते हैं कि झाड़ग्राम जिले में बालू माफिया गिरोह में एक बड़ा नाम शेख जहीरुल का है. जहीरुल और उसके करीबियों के ठिकानों पर छापामारी की गयी. इडी अधिकारियों ने गोपीबल्लवपुर में सुवर्णरेखा नदी के पास उसके एक आलीशान आवास पर छापेमारी की. यहां जहीरुल का घर एवं कार्यालय मौजूद है. उस पर अवैध रेत खनन और इस कारोबार में संलिप्तता का आरोप है. जहीरुल के ठिकाने से 15 लाख रुपये नकदी के साथ कई आवश्यक कागजात जब्त किये गये हैं. कुछ नोटों की गिनती जारी है. जब्त नोट का आंकड़ा बढ़ सकता है. एक वरिष्ठ इडी अधिकारी ने बताया कि कई रेत खदानों का मालिक जहीरुल रेत के कारोबार में आने से पहले विलेज पुलिस और उसके पहले साइकिल मिस्त्री के तौर पर काम कर चुका है. इडी की टीम ने सुबह कई बीमा कंपनियों के कार्यालयों में भी तलाशी अभियान चलाया है. जांचकर्ताओं का दावा है कि उन्हें जांच में पता चला है कि बालू तस्करी से प्राप्त बड़ी राशि बीमा में निवेश की गयी थी. इडी की टीम झाड़ग्राम जिले के बेलियाबेरिया और जम्बोनी प्रखंडों में रेत खदान के अन्य मालिकों की संपत्तियों और कार्यालयों पर भी छापेमारी की है. इधर, खेजुरी में पेशे से ट्रक चालक दिलीप प्रधान के घर में भी इडी की टीम पहुंची. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी स्थानीय प्रशासन की जानकारी के बिना की गयी.

शुरुआत में तस्करों का यह खेल प्रशासनिक अधिकारियों की समझ से परे था, लेकिन धीरे-धीरे अधिकारियों को जानकारी मिली की उस नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर कई लॉरियों में रेत को लोड कर इसके जरिये भ्रष्टाचार किया जा रहा था. हालांकि स्थानीय लोगों का दावा है कि इस घटना में प्रशासन के एक वर्ग की मिलीभगत है. रेत निकालने के लिए लाइसेंस प्लेट में एक क्यूआर कोड दिया जाता है. शेख जहीरुल का घर सुवर्णरेखा नदी के ठीक बगल में है. इस सुवर्णरेखा नदी से निकाली गयी रेत की भारी मांग है, इसलिए, जांचकर्ता उनकी भूमिका की जांच कर रहे हैं.

कैसे की जा रही थी बालू की तस्करी

इडी सूत्र बताते हैं कि शेख जहीरुल के खिलाफ नदी से अवैध तरीके से बालू निकाले जाने की शिकायतें मिली थीं. बालू माफिया सरकारी नियमों की अनदेखी कर अतिरिक्त ट्रक भेजकर रेत निकालने का काम करता था. ट्रकों की संख्या में भी भ्रष्टाचार किया गया. जांचकर्ताओं का कहना है कि बालू निकालने का टेंडर मिलने के बाद कंपनी की तरफ से जो ट्रक बालू निकालने नदी में जायेंगे, उस ट्रक के चालक का लाइसेंस एवं नंबर प्लेट प्रशासनिक अधिकारियें को देना जरूरी होता है. यहां आरोप था कि जिस लॉरी के नंबर प्लेट को बालू निकालने की मंजूरी मिली थी, उसे फर्जी तरीके से कई अन्य ट्रकों में लगा दिया गया था. प्रशासन से पास किये गये नंबर प्लेट को कई ट्रकों में लगाकर नदी से बालू निकाल कर इसकी तस्करी चल रही थी.

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