दादी की हत्या करने वाले की फांसी की सजा रद्द

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जादू-टोना के आरोप में अपनी दादी का सिर कलम करने के दोषी पोते की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | July 24, 2025 1:30 AM

कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जादू-टोना के आरोप में अपनी दादी का सिर कलम करने के दोषी पोते की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने मौत की सजा खारिज कर दी और आजीवन कारावास का आदेश दिया. गौरतलब है कि नौ फरवरी, 2017 को झाड़ग्राम के रहने वाले पोते राधाकांत बेरा ने अपनी दादी तरुबाला बेरा को उनके घर से घसीटा और उन्हें गांव के काली मंदिर में ले गया. वहां, पोते ने अपनी दादी को मूर्ति के सामने झुकने के लिए मजबूर किया और जब तारुबाला ने अपना सिर झुकाया, तो उनके पोते राधाकांत ने एक धारदार हथियार से उनका गला काट कर सिर को धड़ से अलग कर दिया. हालांकि, इस मामले में निचली अदालत ने राधाकांत बेरा को फांसी सजा सुनायी थी और इस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उच्च न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि दोषी केवल 28 वर्ष का था और उसके खिलाफ कोई पूर्व अपराध रिकॉर्ड नहीं है. साथ ही वह मानसिक रूप से बीमार है.

खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जेल में दोषी का व्यवहार अच्छा था और उसके परिवार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति कमजोर थी. इन सभी कारणों से, न्यायालय का मानना है कि यह मामला दुर्लभतम नहीं है. इसलिए, मृत्युदंड रद्द किया जाता है.

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