वोटर लिस्ट से नाम कटा, तो सीएए के जरिये मिलेगी नागरिकता

वहां केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि सम्मेलन से मतुआ समुदाय को सीएए और एसआएआर का संदेश दिया जायेगा.

By GANESH MAHTO | October 27, 2025 1:26 AM

केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान पर राजनीतिक सरगर्मी तेज बनगांव. भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर एक बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. रविवार को अखिल भारतीय मतुआ महासंघ की ओर से उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर स्थित ठाकुरबाड़ी में एक अंतरराष्ट्रीय मतुआ गोसाई सम्मेलन का आयोजन किया है. वहां केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि सम्मेलन से मतुआ समुदाय को सीएए और एसआएआर का संदेश दिया जायेगा. सीएए का समाज से गहरा संबंध है, एसआइआर का भी. उन्होंने कहा कि हम आप लोगों को सीएए के लिए आवेदन करने के लिए कहेंगे. हम चुनाव आयोग से अपील करेंगे कि जिन लोगों के नाम 2002 की सूची में नहीं हैं, उनके नाम न काटे जायें. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि जो लोग न केवल 31 दिसंबर, 2014 तक, बल्कि 31 दिसंबर, 2024 तक भारत आये हैं, वे भारत में ही रहेंगे. उनमें से किसी को भी बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान नहीं भेजा जा सकता. लेकिन एसआइआर के बाद नाम हटाये जाने पर भी नागरिकता कैसे संभव है? इस प्रसंग पर श्री ठाकुर ने कहा कि एक चुनाव आयोग के अधीन है, दूसरा गृह मंत्रालय के अधीन है. अगर किसी का नाम एसआइआर में हटा दिया जाता है, तो सीएए का मतलब है कि वह नागरिक है और नागरिक का मतलब भारत का नागरिक है. अगर वह नागरिक है, तभी उसके पास वोटर कार्ड होगा. स्वाभाविक रूप से, ये लोग भारत के नागरिक होंगे. इसलिए सीएए के लिए आवेदन कर सकते हैं. इधर, केंद्रीय मंत्री के बयान को लेकर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने पलटवार किया और कहा कि शांतनु यह सब इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उन्हें नुकसान का आभास है. उन्होंने कहा कि एसआइआर में मतुआ समुदाय को सबसे ज़्यादा नुकसान होने वाला है. यह जानते हुए भी शांतनु ठाकुर इसे ढकने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं.

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