नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के समर्थन में भाजपा माकपा व कांग्रेस ने किया राज्य सरकार पर हमला

विरोध. भाजपा ने अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने के सामने, माकपा ने कॉलेज स्ट्रीट व कांग्रेस ने मध्य कोलकाता में निकाली रैली

By SANDIP TIWARI | April 11, 2025 12:57 AM

विरोध. भाजपा ने अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने के सामने, माकपा ने कॉलेज स्ट्रीट व कांग्रेस ने मध्य कोलकाता में निकाली रैली कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने गुरुवार को कोलकाता में अलग-अलग रैली आयोजित करके विरोध जताया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की. विपक्षी दलों ने हजारों ‘बेदाग’ अभ्यर्थियों के भविष्य पर मंडरा रही अनिश्चितता के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया. रैली में शामिल लोगों ने बुधवार को पात्र शिक्षकों के खिलाफ उस समय की गयी पुलिस कार्रवाई की निंदा की, जब वे कस्बा में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइ) के कार्यालय में ज्ञापन सौंपने गये थे. भाजपा उत्तर कोलकाता जिला इकाई की अध्यक्ष तमाघ्न घोष ने अमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस थाने के सामने प्रदर्शन किया, जहां लगभग 200 भगवा पार्टी समर्थक एकत्र हुए और ममता बनर्जी प्रशासन, एसएससी और शिक्षा विभाग के खिलाफ नारे लगाये. श्री घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब यह सरकार हजारों पात्र शिक्षकों के लिए नौकरियां सुनिश्चित नहीं कर सकती, तब यह उन पर पुलिस बल का इस्तेमाल करती है, जो भविष्य की पीढ़ी के निर्माताओं को पीटते हैं और उन्हें सार्वजनिक रूप से लात मारते हैं. शर्मनाक है.’’ प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टायर भी जलाए, जिससे यातायात बाधित रही. माकपा की छात्र शाखा एसएफआइ के समर्थकों ने कॉलेज स्ट्रीट क्षेत्र में एक रैली निकाली. एसएफआइ की राज्य इकाई के सदस्य शुभोजीत सरकार ने मांग की कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की वर्ष 2016 की भर्ती से जुड़ी परीक्षा की ओएमआर शीट अविलंब सार्वजनिक की जाए और हटाए गये ‘पात्र’ शिक्षकों की नौकरी बहाल करने के लिए कदम उठाये जाएं. वहीं, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी मध्य कोलकाता में रैली निकाली, जिसमें लोगों ने इसी मुद्दे को लेकर नारे लगाये. लगभग एक साथ आयोजित की गयी इन रैलियों के कारण उत्तर-मध्य कोलकाता के अधिकांश इलाकों में एक घंटे से अधिक समय तक यातायात प्रभावित रहा. उच्चतम न्यायालय ने गत तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के वर्ष 2024 के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें 25,753 शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था. इनकी नियुक्तिां वर्ष 2016 में एसएससी की ओर से शुरू किये गये भर्ती अभियान के तहत की गयी थीं.

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