विजय दिवस में शामिल होने भारतीय सेना ने बांग्लादेश को भेजा आमंत्रण
दोनों देशों के बीच रिश्तों में आये बदलाव के कारण इस बार खास माना जा रहा है यह कार्यक्रम
दोनों देशों के बीच रिश्तों में आये बदलाव के कारण इस बार खास माना जा रहा है यह कार्यक्रम कोलकाता. भारतीय सेना ने विजय दिवस समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता से ढाका तक आधिकारिक निमंत्रण भेजा है. यह आयोजन हर वर्ष 16 दिसंबर को मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह विशेष महत्व रखता है क्योंकि पिछले एक वर्ष में बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव आये हैं. बड़े जनविद्रोह के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में नया समीकरण बन गया है. इस बदलते माहौल के बावजूद दोनों देश विजय दिवस पर अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को सम्मान देने के लिए एक साथ कार्यक्रम मनाने को तैयार हैं. हर वर्ष भारतीय सेना का ईस्टर्न कमांड एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश भेजता है, वहीं बांग्लादेश सेना का एक दल फोर्ट विलियम, कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आता है. इस बार भी यह परंपरा जारी रहेगी. फोर्ट विलियम के मेजर जनरल भान गुरु रघु ने बताया कि बांग्लादेश आर्मी ने भारतीय सेना के निमंत्रण का जवाब भेज दिया है. कार्यक्रम में दो वरिष्ठ अधिकारी, आठ स्वतंत्रता सेनानी, उनके परिवारों सहित कुल 20 लोग शामिल होंगे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी इस आयोजन में उपस्थित रहेंगे. 16 दिसंबर 1971 का दिन भारत-बांग्लादेश के साझा इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है. 54 वर्ष पहले इसी दिन कोलकाता से मुक्ति वाहिनी के अधिकारी भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड प्रमुख जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के साथ ढाका पहुंचे थे, जहां पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने उनके सामने आत्मसमर्पण किया था. यह क्षण बांग्लादेश की स्वतंत्रता का निर्णायक मोड़ बना. हालांकि आज दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्तों में खटास और भू-राजनीतिक बदलाव स्पष्ट दिखायी दे रहे हैं, लेकिन भारतीय सेना ने परंपरा को बरकरार रखते हुए बिना किसी संकोच के इस वर्ष भी विजय दिवस को एक संयुक्त कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.
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