शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से जल्द मिलेंगे प्रेसिडेंसी के पूर्व छात्र
शुरुआत में जेईई बोर्ड ने प्रश्नपत्र तैयार करने में प्रेसिडेंसी के शिक्षकों को शामिल किया था, जिससे प्रश्नों की शैक्षणिक गुणवत्ता और वैचारिक स्पष्टता सुनिश्चित होती थी.
प्रवेश परीक्षाओं में प्रश्नपत्र तैयार करने के मुद्दे पर करेंगे चर्चा कोलकाता. प्रेसिडेंसी एल्युमनाई एसोसिएशन द्वारा हाल ही में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से इस महीने के अंत में मुलाकात करेंगे. उनका उद्देश्य स्नातक प्रवेश परीक्षा में प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के शिक्षकों को फिर से शामिल करवाने के लिए अनुरोध करना है. बैठक में कई सदस्यों ने यह शिकायत उठायी कि वर्ष 2015 से जेईई बोर्ड द्वारा आयोजित की जा रही स्नातक प्रवेश परीक्षाओं में प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया से प्रेसिडेंसी के शिक्षकों को बाहर कर दिया गया है. पूर्व छात्रों का कहना है कि इस फैसले के कारण प्रश्नों की गुणवत्ता में गिरावट आयी है. पूर्व छात्रों का आरोप है कि ह्यूमैनिटीज विषयों में बहुविकल्पीय प्रश्नों के जरिये छात्रों की परीक्षा लेना अकादमिक दृष्टि से उचित नहीं है. शुरुआत में जेईई बोर्ड ने प्रश्नपत्र तैयार करने में प्रेसिडेंसी के शिक्षकों को शामिल किया था, जिससे प्रश्नों की शैक्षणिक गुणवत्ता और वैचारिक स्पष्टता सुनिश्चित होती थी. बाद में यह प्रक्रिया पूरी तरह बोर्ड के नियंत्रण में चली गयी, जिसके खिलाफ शिक्षकों और पूर्व छात्रों दोनों ने आपत्ति जतायी थी. उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व अंतरिम कुलपति और एसोसिएशन के सदस्य प्रो शिवाजी प्रतीम बसु ने कहा कि अगर बहुविकल्पीय प्रश्नों को सही तरीके से तैयार किया जाये, तो वे प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित कर सकते हैं, लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है. पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष सुतीर्थ भट्टाचार्य ने भी कहा कि प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया में शिक्षकों की भागीदारी जरूरी है. जब शिक्षक तैयार हों, तो उन्हें परीक्षा के स्वरूप पर निर्णय में शामिल किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि जनवरी 2018 में प्रेसिडेंसी मेंटर ग्रुप ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में मुख्यमंत्री को सुझाव दिया था कि प्रवेश परीक्षाएं उच्चतम मानक की होनी चाहिए, ताकि योग्यतम छात्रों का चयन हो सके.प्रेसिडेंसी के कई शिक्षक, जो एल्युमनाई एसोसिएशन के सदस्य भी हैं, इस पहल का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कार्यवाहक कुलपति निर्मल्य नारायण चक्रवर्ती को पत्र लिख कर वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की है. पूर्व छात्रों और शिक्षकों की यह संयुक्त पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की अकादमिक गुणवत्ता को पुनर्स्थापित किया जा सके.
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