नफरत का कारोबार, बंद करो मोदी सरकार : सिंघवी

कोलकाता/भुवनेश्वर : सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने नालको के 18वें व्याख्यान माला में ‘नये भारत की संरचना में पीएसयू की प्रासंगिकता’ पर व्याख्यान दिया. अपने संबोधन में डॉ स्वामी ने नये भारत की संरचना में भारत के सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों की निर्णायक भूमिका पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2020 3:00 AM

कोलकाता/भुवनेश्वर : सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने नालको के 18वें व्याख्यान माला में ‘नये भारत की संरचना में पीएसयू की प्रासंगिकता’ पर व्याख्यान दिया. अपने संबोधन में डॉ स्वामी ने नये भारत की संरचना में भारत के सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों की निर्णायक भूमिका पर बल दिया.

उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम अति महत्वपूर्ण हैं और इन क्षेत्रों को संपन्न बनने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. सार्वजनिक लोक उद्यमों को निर्णय लेने व बाजार की गतिविधियों के अनुरूप परिचालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करनी चाहिए.
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सार्वजनिक लोक उद्यमों को केवल लाभ से परे बहुआयामी उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ना चाहिए. कुछ विशेष कार्यक्षेत्र हैं, जो सार्वजनिक लोक उद्यमों द्वारा ही चिह्नित व विकसित किये जा सकते हैं.
सार्वजनिक लोक उद्यमों को वाणिज्यिक सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में प्रतिस्पर्द्धा के लिए भी तैयार रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भारत को सार्वजनिक लोक उद्यमों की क्षमता को विवेचित करना चाहिए. उन्होंने एकीकृत व्यापार संस्था के रूप में, विशेषतः भारतीय एल्यूमिनियम क्षेत्र में व समेकित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए, नालको के योगदान की प्रशंसा की.
अपने स्वागत संबोधन के दौरान नालको के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्रीधर पात्र ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम के रूप में नालको ने हमेशा ही देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने व उत्पादन, उत्पादकता व लाभप्रदता की सतत बढ़ोतरी के साथ देश-हित को सर्वोपरि रखा है.
साथ ही, केवल लाभ-प्रदता से परे, अपने निगम सामाजिक उत्तरदायित्व पहल से सामाजिक व आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया है. आनेवाले समय में भी कंपनी राष्ट्र व भारतीय उद्योग के सतत विकास के प्रति कार्य के लिए समर्पित है. इस अवसर पर वक्ताओं के साथ, नालको के निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी, उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के अतिथि, पूर्व नालकोनियन भी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version