ममता के विरोध के बावजूद सीएए बना, लागू भी होगा : राहुल सिन्हा

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने नागरिकता कानून का विरोध करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सुश्री बनर्जी ने नागरिकता कानून का विरोध किया था, लेकिन संसद में विधेयक पारित भी हुआ. कानून भी बना और अब सुश्री बनर्जी के रहते ही लागू भी होगा. श्री सिन्हा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 28, 2019 3:05 AM

कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने नागरिकता कानून का विरोध करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सुश्री बनर्जी ने नागरिकता कानून का विरोध किया था, लेकिन संसद में विधेयक पारित भी हुआ. कानून भी बना और अब सुश्री बनर्जी के रहते ही लागू भी होगा. श्री सिन्हा ने कहा कि सुश्री बनर्जी डिटेंशन सेंटर को लेकर गलतफहमी फैला रही हैं. असम में डिटेंशन सेंटर सर्वोच्च कोर्ट के निर्देश पर बना है.

उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून में नागरिकता छीने जाने की बात नहीं है, वरन शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात है. वह लोगों में भय पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. लोगों को डरा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह कहती थी कि नागरिकता कानून पारित होने नहीं देंगे, लेकिन नागरिकता कानून पारित हुआ.
जो बांग्लादेश से आये शरणार्थी हैं, उन्हें नागरिकता मिलेगी भी और उनके रहते हुए ही नागरिकता मिलेगी, हालांकि आज वह नबान्न में हैं, लेकिन उस समय नबान्न में नहीं रहेंगी. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद लोकसभा में मतदान के समय गायब थे. क्या पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि मतुआ को सामने रखकर ममता बनर्जी ने राजनीति की है. अपनी राजनीतिक शक्ति बढ़ायी है.
मतुआ का व्यवहार किया था, लेकिन अब नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं. वाम व कांग्रेस के संयुक्त विरोध जुलूस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस जुलूस की लेखक, प्रोड्यूसर व निदेशक भी ममता बनर्जी ही हैं. आज का आंदोलन भी ममता बनर्जी ही आंदोलन है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल से ही नागरिकों के एक ही परिचय पत्र की बात हो रही है.
एक नागरिकता कार्ड होने पर सुश्री बनर्जी को आपत्ति क्यों हैं? यहां एनपीआर होने पर पश्चिम बंगाल में जनसंख्या का संतुलन इस तरह बिगड़ गया है कि एनपीआर होने पर पकड़ा जायेगा. ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को पाकिस्तान बनाना चाहती हैं. इस कारण एनपीआर का विरोध कर रही हैं.

Next Article

Exit mobile version