पश्चिम बंगाल में बोले उपराष्‍ट्रपति- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं

– सभी राजनीतिक दलों से एकजुटता का किया आह्वान कोलकाता : भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस मामले में किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. भारत की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं दी जायेगी. श्री नायडू ने शुक्रवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 16, 2019 9:58 PM

– सभी राजनीतिक दलों से एकजुटता का किया आह्वान

कोलकाता : भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस मामले में किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. भारत की एक इंच जमीन भी किसी को नहीं दी जायेगी. श्री नायडू ने शुक्रवार को यहां आइसीसीआर स्थित रवींद्रनाथ टैगोर सेंटर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण के अवसर पर ये बातें कही.

श्री नायडू ने कहा : भारत को कभी विश्वगुरु कहा जाता था. भारत में विदेशों के लोग आकर शिक्षा ग्रहण करते थे, लेकिन भारत ने कभी किसी पर खुद आक्रमण नहीं किया. लेकिन भारत पर आक्रमण किया गया. इसे लूटा गया. इसका शोषण किया गया. धोखा दिया गया. हम शांति चाहते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी कहा करते थे कि हम मित्र बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते, लेकिन अटल जी ने शांति की कोशिश की. लाहौर गये. आगरा सम्मेलन हुआ, लेकिन पड़ोसी ने अपनी आदत नहीं बदली.

पाकिस्‍तान आतंकियों को फंड देता रहा. बाधा पैदा करता रहा. अशांति पैदा करने की कोशिश की जाती रही. कश्मीर में 43 हजार लोग मारे गये हैं. संयुक्त राष्ट्रसंघ को भी आतंकवाद को लेकर फैसला लेना चाहिए. जब तक शांति नहीं होगी. प्रगति नहीं होगी. कश्मीर को लेकर गैर जरूरी विवाद पैदा किया जा रहा है, लेकिन कश्मीर की एक इंच जमीन भी नहीं देंगे. पूर्व प्रधानमंत्री पीके नरसिम्हा राव के समय संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अंग है.

उन्होंने कहा : कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसमें किसी का भी हस्तक्षेप बर्दास्त नहीं किया जायेगा. इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को समर्थन मिला है. डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने एक देश, एक विधान और एक प्रधान की बात कही थी. उन्होंने कहा : देश में किसी भी मुद्दे पर राजनीतिक ‍विभेद हो सकता है. सोच में अंतर हो सकती है, लेकिन सुरक्षा और देश हित के मुद्दे पर सभी को एकजुट होना होगा.

उन्होंने कहा कि भारत में पूरे विश्व की 1/6 जनसंख्या है, लेकिन भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थायी सदस्य नहीं है. अटल जी का दृढ़ता से मानना था कि भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का वैध अधिकार है.

Next Article

Exit mobile version