कोलकाता : एक मार्च से जूट मिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल

कोलकाता : श्रमिक संगठनों ने राज्य की जूट मिलों में एक मार्च से बेमियादी हड़ताल का एलान किया है. हालांकि इंडियन नेशनल तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस हड़ताल में शिरकत नहीं करेगी.... सोमवार को बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के महासचिव अनादि साहू ने प्रेस कॉन्प्रेंस में बताया कि केंद्र और राज्य सरकार से जूट श्रमिकों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2019 5:55 AM

कोलकाता : श्रमिक संगठनों ने राज्य की जूट मिलों में एक मार्च से बेमियादी हड़ताल का एलान किया है. हालांकि इंडियन नेशनल तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस हड़ताल में शिरकत नहीं करेगी.

सोमवार को बंगाल चटकल मजदूर यूनियन के महासचिव अनादि साहू ने प्रेस कॉन्प्रेंस में बताया कि केंद्र और राज्य सरकार से जूट श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 18 हजार करने, श्रमिकों के नियमितीकरण, मकान किराया व तनख्वाह में इजाफे की मांग सहित 22 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया गया है.

उन्होंने कहा कि लंबे समय से मजदूरों की 22 सूत्री मांगों की अनदेखी हो रही है. इसलिए अब हमारे पास हड़ताल के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. उन्होंने बताया कि आइएनटीटीयूसी को छोड़ सभी 21 मजदूर संगठनों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. श्री साहू ने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा मजदूरों के वेतन में 70 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी का एकतरफा फैसला लिया गया. यह फैसला एक फरवरी से लागू है.

इसके बारे में श्रमिक संगठनों के पास कोई जानकारी नहीं थी. गौरतलब है कि 17 जनवरी को विभिन्न मजदूर संगठनों के साथ बैठक में राज्य सरकार ने जूट मिल श्रमिकों के दैनिक वेतन में प्रतिदिन 70 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 327 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया. हालांकि यह फैसला सिर्फ उन मजदूरों पर लागू होगा जिनका वेतन 327 रुपये प्रतिदिन से कम है. जिनकी भी आमदनी 327 रुपये प्रतिदिन से अधिक है, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को महानगर के सूर्य सेन स्ट्रीट स्थित कृष्णपद मेमोरियल हॉल में राज्य के 21 जूट मिल श्रमिक संगठनों की ओर से राज्य कन्वेंशन का आयोजन किया गया. श्रमिक संगठनों के नेताओं ने कहा कि जूट मिल के मालिक श्रमिकों के पीएफ के हजारों करोड़ रुपये की राशि का घोटाला कर चुके हैं.

अस्थायी श्रमिक के नाम पर पीएफ व इएसआइ के पैसों की लूट जारी है. राज्य की 65 जूट मिलों के 2.5 लाख श्रमिक नुकसान उठाने के लिए मजबूर हैं. इसलिए अब सभी संगठनों ने मिल कर हड़ताल का एलान किया है.