कोलकाता : दिव्यांग छात्रों के लिए एचएस परीक्षा में होगी राइटर की व्यवस्था

कोलकाता : पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की ओर से सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने दिव्यांग बच्चों का अलग से विवरण भेजें. जो छात्र किसी भी रूप में दिव्यांग हैं या अपनी परीक्षा हाथ से लिखने में असमर्थ हैं, उनके लिए परीक्षा में एक राइटर की सुविधा मुहैया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 28, 2018 1:28 AM
कोलकाता : पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की ओर से सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने दिव्यांग बच्चों का अलग से विवरण भेजें. जो छात्र किसी भी रूप में दिव्यांग हैं या अपनी परीक्षा हाथ से लिखने में असमर्थ हैं, उनके लिए परीक्षा में एक राइटर की सुविधा मुहैया करवायी जायेगी.
इसके लिए स्कूलों को काउंसिल में आवेदन भेजना होगा. हमेशा की तरह इस बार भी ऐसे बच्चे परीक्षा में शामिल हैं, जो किसी न किसी रूप में दिव्यांग हैं. आवेदन मिलने के बाद राइटर की नियुक्ति ऐसे बच्चों के लिए की जायेगी.
26 फरवरी से शुरू होने वाली उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए स्कूलों को पहले ही एेसे विशेष बच्चों का विवरण जमा करना होगा. स्कूलों द्वारा भेजे गये पत्र में इस बात का भी उल्लेख करना होगा कि कितने बच्चों को परीक्षा में अतिरिक्त समय देने की जरूरत है. कुछ विशेष जरूरत के बच्चों को सामान्य बच्चों की तुलना में परीक्षा में अलग से समय देना पड़ता है, ताकि वे ठीक से अपना पेपर दे सकें.
स्कूल अपना आवेदन काउंसिल के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करवा सकते हैं. ये आवेदन जमा होने के बाद दृष्टिहीन व अन्य रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए परीक्षा के समय राइटर मौजूद रहेगा. यह राइटर मुख्य परीक्षार्थी के बोलने के अनुसार उसका उत्तर लिखेगा. इसकी व्यवस्था करने के लिए काउंसिल ने सभी से आवेदन मांगा है.
कुल अंक से अधिक मिले परीक्षार्थी को
कोलकाता. उच्च माध्यमिक में शिक्षक नियुक्ति में पारदर्शिता न अपनाने का आरोप लगाते हुए कई उम्मीदवारों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. हाइकोर्ट की शीतकालीन छुट्टी के बाद मामले की सुनवाई हो सकती है.
गुरुवार को याचिकाकर्ताओं के वकील आशीष कुमार चौधरी ने कहा कि 2016-17 में उच्चमाध्यमिक्ष में शिक्षक नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा का कुल अंक 55 नंबर है. इसमें से एक परीक्षार्थी ऋतु बेरा को 59 अंक मिले हैं. आरटीआइ के जरिए एसएससी की ओर से यह उसे बताया गया है.
उनका कहना था कि स्कूल सर्विस कमीशन ने मेधा सूची घोषित न करके ही काउंसिलिंग शुरू कर दी है. इसके अलावा शून्य पद बढ़ने के स्थान पर कैसे घट गया इस सवाल पर गत अक्तूबर महीने में कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. मामले के दौरान याचिकाकर्ता उम्मीदवार अशारफुल, निशा व अन्य कई परीक्षार्थियों ने अपने अंक जानने के लिए आरटीआइ किया था.
इनमें से ऋतु बेरा नामक उम्मीदवार को कमीशन ने बताया कि लिख्रित परीक्षा में 55 अंक में से उसे 59 अंक मिले हैं. गत 11 अक्तूबर को कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की अदालत ने एसएससी को निर्देश दिया था कि आगामी दो जनवरी के भीतर इससे संबंधित सभी तथ्य अदालत में हलफनामे की सूरत में जमा करना होगा.
लेकिन इससे पहले ही गत 14 नवंबर को कमीशन की ओर से असिस्टेंट सेक्रेटरी परीक्षार्थी ऋतु बेरा को आरटीआइ के बाद बताया गया कि उसे 55 में से 59 नंबर मिले हैं. मामले की अगली सुनवाई दो जनवरी है. इस दिन वह अदालत का इस संबंध में ध्यान आकृष्ट करेंगे. लेकिन एसएससी जैसी संस्था ने कैसे ऐसा आश्चर्चजनक तथ्य दिया यह वह अदालत के सामने रखेंगे.

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