बंगाल में जहां-तहां कूड़ा फेंकने व गंदगी फैलाने पर लगेगा एक लाख तक का जुर्माना

– घर में जल जमा रखने पर भी लगेगा एक लाख तक का जुर्माना – विधासनभा में पारित हुआ नगरपालिका संशोधन विधेयक, 2018 कोलकाता : महानगर में सार्वजनिक स्थानों व जहां-तहां कूड़ा फेंकने व गंदा करने पर 5000 रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा तथा नगरपालिका इलाके में 500 रुपये से 50 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2018 10:51 PM

– घर में जल जमा रखने पर भी लगेगा एक लाख तक का जुर्माना

– विधासनभा में पारित हुआ नगरपालिका संशोधन विधेयक, 2018

कोलकाता : महानगर में सार्वजनिक स्थानों व जहां-तहां कूड़ा फेंकने व गंदा करने पर 5000 रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा तथा नगरपालिका इलाके में 500 रुपये से 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगेगा. इसी तरह से बार-बार चेतावनी देने के बाद घरों व अन्य परिसरों में जल जमाव करने व मच्छर का लार्वा पाये जाने पर 1000 रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा.

सोमवार को विधानसभा में पश्चिम बंगाल नगरपालिका (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित हो गया. विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि राज्य सरकार ग्रीन सिटी और क्लीन सिटी की परिकल्पना पर काम कर रही है, लेकिन कुछ लोग जहां तहां गंदा करते हैं. कूड़ा फेंकते हैं. इसी तरह से बार-बार आग्रह करने के बावजूद घरों के अंदर जमा पानी नहीं हटाते हैं.

नगरपालिका के कर्मचारियों को जांच करने व घर में प्रवेश करने से रोकते हैं. इस कारण ही यह जुर्माना का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि वे लोग नहीं चाहते हैं कि लोगों से जुर्माना वसूला जाये. सभी लोग एक तरह के नहीं है. कुछ लोग ही हैं, जो जहां तहां कूड़ा फेंकते हैं. उनके लिए यह कानून बनाया गया है.

उल्लेखनीय है कि हाल में दक्षिणेश्वर में स्काईवाक के उद्घाटन के दूसरे दिन ही उन पर पान व गुटका के पीक के दाग दिखने लगे थे. उसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने काफी नाराजगी जतायी थी. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्काईवाक पर पान या गुटका का पीक फेंकने वालों पर जुर्माना लगाने का प्र‍ावधान किया गया था.

इसी तरह का जुर्माना चिड़ियाघर और उसके बाद क्रमश: रेलवे व मेट्रो रेलवे में भी लगा दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि पहले 50 रुपये से पांच हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान था, लेकिन इस राशि को बढ़ा दिया गया है. विधायक सुजीत बोस द्वारा ऐसे लोगों के लिए सजा का प्रावधान किये जाने पर श्री हकीम ने कहा कि सजा देने का अधिकार अदालत को है. इस बाबत उनका विभाग कोई निर्णय नहीं ले सकता और न ही कोई कानून ही बना सकता है.