राज्य सरकार को हाइकोर्ट ने दिया झटका, बंद नहीं होंगे एकल विद्यालय

कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार की उस विज्ञप्ति को खारिज कर दिया है, जिसमें आरएसएस संचालित एकल विद्यालयों को बंद करने का निर्देश दिया गया था. दक्षिण दिनाजपुर के शारदा शिशुतीर्थ स्कूल की तरह राज्य भर में जो एकल विद्यालय या एकल शिक्षक संचालित स्कूल हैं, उन्हें चलाने के लिए राज्य सरकार की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 15, 2018 4:04 AM
कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार की उस विज्ञप्ति को खारिज कर दिया है, जिसमें आरएसएस संचालित एकल विद्यालयों को बंद करने का निर्देश दिया गया था. दक्षिण दिनाजपुर के शारदा शिशुतीर्थ स्कूल की तरह राज्य भर में जो एकल विद्यालय या एकल शिक्षक संचालित स्कूल हैं, उन्हें चलाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति नहीं लगेगी. कलकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया है.
कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय ने कहा कि जिस तरह अन्य स्कूल की तरह यहां पास-फेल नहीं है या अन्य नियम लागू नहीं है. लिहाजा ये नॉन फॉरमल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट या स्वशासित विद्यालय हैं. सुदूर इलाकों के विद्यार्थियों के लिए ये स्कूल हैं, इसलिए इन्हें चलाने के लिए राज्य की अनुमति नहीं लेनी होगी.
गौरतलब है कि दक्षिण दिनाजपुर के 10 स्कूलों को बंद करने के लिए राज्य सरकार ने विज्ञप्ति जारी की थी. गत 16 अप्रैल को स्कूल प्रबंधन को सभी दस्तावेज सहित उत्तर दिनाजपुर के डीआइ ने तलब किया था. उन्हें सभी दस्तावेज दिये गये.
23 अप्रैल को उन्हें खारिज करके नोटिस देकर कहा गया कि स्कूलों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) नहीं दिया जा सकता. कहा गया कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत जिस आधारभूत ढांचे की जरूरत है वह वहां नहीं है. इस विज्ञप्ति को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में स्कूल पहुंचे.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि केवल आधारभूत ढांचे को कारण दिखाकर डीआइ नियम का उल्लंघन करके स्कूलों को बंद करना चाहते हैं. स्कूल बंद करने का अख्तियार डीआइ का नहीं है. केवल राज्य का शिक्षा विभाग सटीक कारण दिखाकर उसे बंद कर सकता है लेकिन उन्हें भी इसके लिए समय व मौका देना होगा.
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल कौशिक चंद व वकील शंकर सरकार ने कहा कि राज्य सरकार ने नियम किया है कि राज्य का कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जा सकता. फिर भी इन स्कूलों को बंद किया जा रहा है. स्कूलों में यदि आधारभूत ढांचे का अभाव है तो सरकार को चाहिए कि उसकी सहायता करे. गौरतलब है कि समूचे देश में ऐसे 31 हजार स्कूल हैं. राज्य में करीब तीन हजार एकल स्कूल हैं. मूल रूप से आदिवासी व सुदूर इलाकों में ऐसे स्कूल हैं.

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