मनी लांड्रिंग का मामला, कोलकाता का स्वर्ण व्यवसायी गिरफ्तार

कोलकाता : डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) की कोलकाता जोनल यूनिट की टीम ने मनी लांड्रिंग के मामले में कोलकाता के स्वर्ण फर्म के व्यवसायी व प्रमोटर नीलेश पारेख को गिरफ्तार किया है. उस पर 1700 किलो सोना को डाइवर्ट कर 7500 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है. शुक्रवार शाम को हुई गिरफ्तारी डीआरआइ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 16, 2018 7:22 AM
कोलकाता : डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) की कोलकाता जोनल यूनिट की टीम ने मनी लांड्रिंग के मामले में कोलकाता के स्वर्ण फर्म के व्यवसायी व प्रमोटर नीलेश पारेख को गिरफ्तार किया है. उस पर 1700 किलो सोना को डाइवर्ट कर 7500 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है.
शुक्रवार शाम को हुई गिरफ्तारी
डीआरआइ सूत्रों के मुताबिक यही नहीं, आरोपी ने कंसोर्टियम ऑफ बैंक के जरिये बैंकों से लिये गये 2,672 करोड़ रुपये का ऋण भी नहीं लौटा रहा था. इन सभी शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए डीआरआइ की टीम ने आरोपी नीलेश पारेख को शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया.
डीआरआइ सूत्रों के मुताबिक आरोपी महानगर समेत अन्य राज्यों में ज्वेलरी फॉर्म के अलावा विदेशों से स्वर्ण आयात-निर्यात का धंधा भी करता था. इसी धंधे के जरिये कागजी तौर पर विदेश से स्वर्ण आयात के नाम पर सरकारी सब्सिडी में धांधली कर सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचाने का आरोप भी उसपर लगा था. इस कारण डीआरआइ की टीम ने जांच के दौरान अंत में उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला लिया.
गौरतलब है कि गत वर्ष केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ की टीम भी एक अन्य मामले में नीलेश पारेख के खिलाफ जांच शुरू कर चुकी है. उस मामले की जांच के सिलसिले में जल्द सीबीआइ की टीम भी नीलेश से पूछताछ कर सकती है.
हमने कोलकाता के एक स्वर्ण व्यवसायी नीलेश पारेख को गिरफ्तार किया है. पारेख को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. उसे 22 जून को फिर पेश किया जायेगा. सीबीआइ ने बैंकों के समूह से धोखाधड़ी के एक मामले में पिछले साल पारेख को गिरफ्तार किया था.
डीआरआइ के प्रवक्ता
भारतीय बैंकों को लागत चुकाये माल्या : ब्रिटिश कोर्ट
लंदन : ब्रिटिश कोर्ट ने फरार उद्योगपति विजय माल्या से कहा है कि वह 13 भारतीय बैंकों को उसके साथ कानूनी लड़ाई में हुई लागत मद में लगभग 1.81 करोड़ रुपये (2,00,000 पौंड) का भुगतान करे. ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
मालूम हो कि जस्टिस एंड्रयू हेनशॉ पिछले महीने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने के एक विश्वव्यापी आदेश को पलटने से इंकार कर दिया था.
साथ ही उन्होंने भारतीय अदालत की इस व्यवस्था को सही ठहराया कि स्टेट बैंक की अगुआई वाला 13 भारतीय बैंकों का समूह माल्या से लगभग 1.145 अरब पौंड की वसूली का हकदार है.
इस आदेश के तहत कोर्ट ने माल्या से कहा कि वह ब्रिटेन में विश्वव्यापी कुर्की आदेश और कर्नाटक के कर्ज वसूली न्यायाधिकरण के फैसले के पंजीकरण मद में लागत का भुगतान करे. दरअसल, माल्या पर भारतीय बैंकों का लगभग 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. वह खुद को भारत प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ एक अलग केस लड़ रहे है. इस मामले में लंदन की एक अदालत में अंतिम सुनवाई अगले महीने होगी.

Next Article

Exit mobile version