‘ट्रिपल तलाक’ की याचिकाकर्ता का हो रहा सोशल बॉयकॉट, बताया जा रहा है हिंदुओं की पत्नी

कोलकाता : ‘ट्रिपल तलाक’ को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक तो करार दिया है , लेकिन कोर्ट के इस निर्णय के बाद कोलकाता की एक याचिकाकर्ता इशरतजहां का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ‘ट्रिपल तलाक’ को असंवैधानिक करार दिया था. पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 3-2 से यह निर्णय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 26, 2017 10:43 AM

कोलकाता : ‘ट्रिपल तलाक’ को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक तो करार दिया है , लेकिन कोर्ट के इस निर्णय के बाद कोलकाता की एक याचिकाकर्ता इशरतजहां का सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ‘ट्रिपल तलाक’ को असंवैधानिक करार दिया था. पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 3-2 से यह निर्णय सुनाया है. कोर्ट के फैसले के बाद इस्लाम में वर्षों से कायम ‘ट्रिपल तलाक’ की परंपरा समाप्त हो गयी.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इशरत जहां ने कहा कि मैंने ‘ट्रिपल तलाक’ के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसके कारण समाज में मेरा साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. मेरे बारे में गलत बातें कही जा रही हैं जबकि मैंने अपने हक के लिए लड़ाई लड़ी. मेरे लिए अपने हक की लड़ाई दिन-प्रतिदिन कठिन होती जा रही है, लेकिन मैं आज भी संघर्षरत हूं.
इशरत की वकील नाजिया इलाही खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद याचिकाकर्ता महिलाओं का बॉयकॉट हो रहा है और उन्हें हिंदुओं की पत्नी बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब यह ऐतिहासिक फैसला आया तो हम बहुत खुश हुए लेकिन अगले ही दिन से समाज की महिलाओं ने हमारा बहिष्कार शुरू कर दिया और हमें धमकी देने लगीं. हमने उन्हें बताया कि यह फैसला एक बैठक में तीन तलाक पर है ना कि तीन तलाक पर , हमारा भी इस्लाम में विश्वास है.
खान ने बताया कि हमने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस संबंध में पत्र लिखा है. हमें उनके जवाब का इंतजार है, अगर उन्होंने कुछ नहीं किया तो हम सुप्रीम कोर्ट की शरण में जायेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ अपमानजनक शब्द और गालियों का प्रयोग किया जा रहा है. हमें हिंदुओं की पत्नियां बताया जा रहा है. हमारा भी इस्लाम में भरोसा है, कोई हमारे साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकता है.

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