मतुआ बहुल इलाकों में कट सकते हैं 1.34 लाख नाम

उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव सब-डिवीजन के मतुआ बहुल इलाकों में करीब 1.34 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से बाहर हो जाने की आशंका से दहशत का माहौल है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | December 16, 2025 1:43 AM

उत्तर 24 परगना के चार विधानसभा क्षेत्रों में एसआइआर सुनवाई के लिए बुलाये जायेंगे लाखों मतदाता

प्रतिनिधि, बनगांवउत्तर 24 परगना जिले के बनगांव सब-डिवीजन के मतुआ बहुल इलाकों में करीब 1.34 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से बाहर हो जाने की आशंका से दहशत का माहौल है. यह स्थिति बनगांव सब-डिवीजन के चार विधानसभा क्षेत्रों बनगांव उत्तर, बनगांव दक्षिण, गाइघाटा और बागदा से जुड़ी बतायी जा रही है. चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में एक लाख 34 हजार से अधिक वोटरों को एसआइआर की सुनवाई के लिए बुलाया जायेगा. इस प्रक्रिया के तहत मृत, स्थानांतरित, लापता और संदिग्ध मतदाताओं की पहचान की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, बनगांव उत्तर विधानसभा में मृत, शिफ्टिंग और लापता वोटरों की संख्या 26,054, जबकि संदिग्ध वोटर 30,168 पाये गये हैं. बनगांव दक्षिण विधानसभा में मृत, शिफ्टिंग और लापता वोटर 18,562 और संदिग्ध वोटर 28,389 हैं. गाइघाटा विधानसभा क्षेत्र में मृत, शिफ्टिंग और लापता वोटरों की संख्या 16,655, जबकि संदिग्ध वोटर 38,383 हैं. बागदा विधानसभा क्षेत्र में मृत, शिफ्टिंग और लापता वोटर 24,923 और संदिग्ध वोटर 36,480 बताये गये हैं. इधर, नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले मतुआ समुदाय के लोगों को उनके मोबाइल फोन पर प्रमाणपत्र से जुड़े संदेश मिलने लगे हैं. इससे समुदाय में कुछ हद तक आश्वस्ति तो है, लेकिन एसआइआर सुनवाई के लिए बुलाये जाने से चिंता भी बनी हुई है. राजनीतिक स्तर पर भी इस मुद्दे पर बयानबाजी तेज हो गयी है. तृणमूल लगातार नागरिकता के सवाल पर केंद्र सरकार और भाजपा को घेरती रही है. पार्टी की मांग है कि मतुआ समुदाय को बिना शर्त नागरिकता दी जाये, जबकि उसका आरोप है कि एसआइआर प्रक्रिया के जरिए बड़ी संख्या में मतुआ वोटरों के नाम हटाये जा सकते हैं. वहीं, भाजपा का कहना है कि केंद्र सरकार मतुआ समुदाय की नागरिकता को और मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है.

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