कोलकाता नगर निगम कोर्ट ने अवैध निर्माण पर सुनाया फैसला, दोषियों को दी ये सजा

Bengal News In Hindi: कोर्ट ने बिल्डिंग में अवैध निर्माण के हिस्से को तोड़ने के साथ ही आरोपी को दो साल की जेल व 50000 रुपये जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया था, जिसके खिलाफ आरोपी ने मेट्रोपॉलिटन अदालत में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर निगम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने 15 दिन के अंदर आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2021 2:16 PM

कोलकाता: कोलकाता नगर निगम कोर्ट ने अवैध निर्माण के मामले की सुनवाई करते हुए बिल्डिंग बनाने वाले के खिलाफ फैसला सुनाया था. कोर्ट ने बिल्डिंग में अवैध निर्माण के हिस्से को तोड़ने के साथ ही आरोपी को दो साल की जेल व 50000 रुपये जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया था, जिसके खिलाफ आरोपी ने मेट्रोपॉलिटन अदालत में याचिका दायर की थी.

Also Read: ‘भाजपा ही सबको देगी कोरोना वैक्सीन’ चौरंगी की जनसभा में बोले शुभेंदु अधिकारी

इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर निगम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने 15 दिन के अंदर आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान कोलकाता मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पार्थसारथी सेन ने कहा कि यदि आरोपी 15 दिनों के अंदर कोर्ट में हाजिर नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ निगम कोर्ट सम्मन जारी करते हुए कार्रवाई कर सकता है. जानकारी के अनुसार, महानगर में बड़तला थाना क्षेत्र के दो नंबर बोरो अंतर्गत 16 नंबर वार्ड में प्यारे मोहन सुर लेन में अवैध निर्माण का काम चल रहा था.

इस मामले में नगर निगम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप कुमार अधिकारी ने आरोपी राजेंद्र प्रसाद जायसवाल व साधना बीबी जायसवाल को दो साल की जेल व 50000 रुपये जुर्माना देने का निर्देश किया था. नगर निगम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आरोपी ने कोलकाता मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने नगर निगम कोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा है. मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि नगर निगम कोर्ट में जिस आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया है और सजा सुनाई है, इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है.

Also Read: बर्दवान में मिला एक विशाल बदबूदार फूल, देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी

Posted By: Aditi Singh

Next Article

Exit mobile version