वोटों का धुव्रीकरण और अंतिम फेज की 35 सीटों का समीकरण, TMC और कांग्रेस के गढ़ में BJP को ‘खेला’ की उम्मीद

Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के अंतिम फेज की वोटिंग 4 जिलों की 35 विधानसभा सीटों पर गुरुवार की सुबह 7 बजे से शुरू हुई. पश्चिम बंगाल चुनाव के आठवें और अंतिम फेज में मालदा, मुर्शिदाबाद, कोलकाता उत्तर और बीरभूम जिले में वोटिंग हो रही है. भले ही बीजेपी के नेता ‘ई बार, 200 पार’ का चुनावी नारा लगा रहे हैं, इस फेज में अधिकांश सीटों पर टीएमसी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. साल 2016 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो पता चलता है बीजेपी के लिए टीएमसी और कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी काफी मुश्किल है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2021 9:05 AM

Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के अंतिम फेज की वोटिंग 4 जिलों की 35 विधानसभा सीटों पर गुरुवार की सुबह 7 बजे से शुरू हुई. पश्चिम बंगाल चुनाव के आठवें और अंतिम फेज में मालदा, मुर्शिदाबाद, कोलकाता उत्तर और बीरभूम जिले में वोटिंग हो रही है. भले ही बीजेपी के नेता ई बार, 200 पार का चुनावी नारा लगा रहे हैं, इस फेज में अधिकांश सीटों पर टीएमसी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. साल 2016 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो पता चलता है बीजेपी के लिए टीएमसी और कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी करना मुश्किल है.

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2016 के बंगाल चुनाव में टीएमसी का बोलबाला

बंगाल चुनाव के आठवें फेज में चार जिलों की 35 सीटों पर वोटिंग गुरुवार की सुबह 7 बजे शुरू हुई. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में आठवें फेज की 35 सीटों में से 17 पर टीएमसी और 13 सीटों पर कांग्रेस ने परचम लहराया था. बीजेपी को एक सीट और माकपा के खाते में 3 सीट गई थी. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिले थे. अंतिम फेज की सभी 35 विधानसभा सीटों में बीजेपी या तो पिछलग्गू पार्टी बन गई थी या वो पूरी तरह गेम से बाहर थी. इस बार चुनाव में बीजेपी ने पूरा जोर लगाया है. बीजेपी बंगाल के सियासी संग्राम में विजेता बनने का ख्वाब देख रही है. पिछले रिकॉर्ड को देखकर अंदाजा लगता है कि विजेता बनने की जंग बहुत आसान नहीं है.

अंतिम फेज के चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक की-फैक्टर

अंतिम फेज की 35 विधानसभा सीटों पर हमेशा से मुस्लिम वोटर्स की-फैक्टर माने जाते रहे हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के रिजल्ट में मुस्लिम वोटर्स ने सबसे ज्यादा टीएमसी पर भरोसा जताया था. इसके कारण टीएमसी ने 19 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाई थी. बीजेपी को 11 और कांग्रेस को 5 सीटों पर बढ़त मिली थी. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मालदा और मुर्शिदाबाद में मुस्लिम मतदाता टीएमसी की जगह कांग्रेस को ज्यादा पसंद करते हैं. कांग्रेस के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की भी इन दोनों जिलों पर तगड़ी पकड़ मानी जाती है.

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वोटों का धुव्रीकरण और 35 सीटों का समीकरण

बंगाल चुनाव के पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को हुई थी. उसके पहले से ही बीजेपी ने प्रचार में हिंदू वोटबैंक की सियासत शुरू कर दी थी. जय श्री राम नारे के सहारे बीजेपी हिंदू वोटर्स को अपने पाले में करने की जुगत में भिड़ी थी. जबकि, टीएमसी ने सीएए और एनआरसी के बहाने मुस्लिम मतदाताओं को साधा. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी और टीएमसी पर हमलावर तेवर रखकर सारी कसर निकाली. इन सबके बीच कांग्रेस के साथ लेफ्ट समर्थित गठबंधन में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ भी मैदान में है. अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ की बदौलत कांग्रेस इन 35 सीटों पर अपने ट्रैक रिकॉर्ड को बरकरार रखने की कोशिश में है.

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