तृणमूल के सोनामुखी ब्लॉक के अध्यक्ष की गोली मार कर हत्या
घटना के बाद विपक्ष ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जतायी है.
बांकुड़ा. जिले के सोनामुखी ब्लॉक अंचल के तृणमूल कांग्रेस बूथ अध्यक्ष की अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी. इससे इलाके में सनसनी फैल गयी. घटना के बाद विपक्ष ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जतायी है. राज्य में एक के बाद एक तृणमूल नेताओं की हत्या से ग्रामीण बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के निचले तबके के नेताओं व परिवारों में खौफ है. मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार रात सोनामुखी प्रखंड क्षेत्र के छोटे तृणमूल नेता की हत्या की घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जिले में विधानसभा चुनाव कैसे शांतिपूर्ण होंगे.
सोनामुखी के चकाई गांव के तृणमूल बूथ अध्यक्ष सिकंदर उर्फ सायन खान की सोमवार रात करीब 9:00 बजे गोली मार कर हत्या कर दी गयी. अपने शौहर के कत्ल के बाद उसकी बेवा आदरा बीबी सदमे में है. उसका आरोप है कि गांव के नसीम शेख व उसके दर्जनों साथियों ने मिल कर सिकंदर की हत्या कर दी. उसने हत्यारों को फांसी देने की मांग की.इधर, सिकंदर की बहन रुखसाना बीबी ने बताया कि उसके बीमार ससुर को देखने के लिए भाई दुर्गापुर गये थे. वहां से लौटते हुए शाम हो गयी थी. वहां से निकलने के बाद सिकंदर ने बरजोड़ा के हाट-अशुरिया चौराहे पर चाय पी, पखन्ना चौराहे पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ छोटी सियासी चर्चा की और रात करीब 9:00 बजे बाइक से घर के लिए निकल पड़े. गांव में प्रवेश करने से पहले सिंचाई नहर के किनारे बदमाशों ने उन्हें पीछे से गोली मार दी. एक गोली सिकंदर के सिर के पिछले हिस्से और दूसरी पीठ में लगी, जिससे उनकी मौत हो गयी.
घटना के बाद तृणमूल व भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना के बाद भाजपा व तृणमूल कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है. तृणमूल नेताओं का आरोप है कि सिकंदर की हत्या के पीछे भाजपा है, जबकि इस आरोप को सिरे से नकारते हुए भाजपा का दावा है कि सत्ताधारी पार्टी में अंतर्कलह व गुटबाजी इतनी बढ़ गयी है कि एक गुट, दूसरे गुट को फूटी आंख नहीं देखना चाहता. इसलिए अब मौत का खूनी खेल खेला जा रहा है. इस घटना से भाजपा का वास्ता नहीं है. बताया गया है कि बीते एक वर्ष से सोनामुखी ब्लॉक अंचल का चकाई गांव तृणमूल में गुटीय संघर्ष व वर्चस्व की लड़ाई झेल रहा है. निकट अतीत में यहां हिंसक झड़प के दौरान जम कर हथियारों का इस्तेमाल किया गया है, सोमवार रात हमलावरों की गोली से बुरी तरह जख्मी सिकंदर खान को पुलिस नजदीकी सोनामुखी ग्रामीण अस्पताल ले गयी, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. खबर पाते ही तृणमूल के बिष्णुपुर सांगठनिक जिलाध्यक्ष सुब्रत दत्ता, सोनामुखी के मेयर संतोष मुखर्जी और उप-मेयर सोमनाथ मुखर्जी अस्पताल पहुंचे. उनका दावा है कि अगले विधानसभा चुनावों में सोनामुखी क्षेत्र में अपनी निश्चित हार को भांपते हुए भाजपा ने माकपा के साथ मिल कर तृणमूल नेता की हत्या की है. इस आरोप को सिरे से नकारते हुए सोनामुखी से भाजपा विधायक दिवाकर घरामी ने कहा कि इस हत्या से भाजपा का लेना-देना नहीं है. यह घटना तृणमूल में वर्चस्व की लड़ाई और कटमनी के हिस्से को लेकर हुए खूनी खेल का नतीजा है. यह तथ्य स्थानीय लोग भी जानते व मानते हैं. उधर, माकपा जिला समिति के सदस्य सुजॉय चौधरी ने कहा कि पूरे बंगाल में अपराध का बोलबाला है. मामले में बांकुड़ा भी अपवाद नहीं है. बीते 37 दिनों में बंगाल में 10 लोग मारे जा चुके हैं. पुलिस सही ढंग से अपना काम करे, तो आपराधिक घटनाओं में कमी आ सकती है. पर दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं किया जा रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
