पुरुलिया पालिका का बोर्ड भंग
नागरिक सेवाओं में विफल रहने के आरोप में पश्चिम बंगाल सरकार के शहरी विकास विभाग ने पुरुलिया नगरपालिका बोर्ड को भंग कर दिया है.
पुरुलिया.
नागरिक सेवाओं में विफल रहने के आरोप में पश्चिम बंगाल सरकार के शहरी विकास विभाग ने पुरुलिया नगरपालिका बोर्ड को भंग कर दिया है. नया बोर्ड गठित होने तक पुरुलिया सदर महकमा मजिस्ट्रेट (एसडीओ) को नगरपालिका के प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी संभालने का निर्देश जारी किया गया है. आदेश के अनुसार अगले छह महीनों तक प्रशासक नगर पालिका का कार्यभार संभालेंगे और इसी अवधि में नया बोर्ड गठित करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है. शहरी विकास विभाग ने इससे पहले 19 नवंबर को पुरुलिया नगरपालिका और बोर्ड सदस्यों को शोकॉज नोटिस जारी कर नागरिक सेवाओं में चूक को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था. नोटिस में पूछा गया था कि लगातार शिकायतों और सेवाओं में कमी के बावजूद बोर्ड को भंग क्यों न किया जाए. इसके जवाब में नगरपालिका अध्यक्ष ने एक सप्ताह के भीतर बोर्ड की बैठक कर विभाग को जवाब सौंपा, लेकिन विभाग उस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुआ. इसके बाद मंगलवार को औपचारिक रूप से बोर्ड भंग करने और प्रशासक नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया. बोर्ड भंग होने के बाद अब पुरुलिया नगरपालिका का संचालन सीधे महकुमा मजिस्ट्रेट के अधीन रहेगा. स्थानीय स्तर पर इस कदम को नगर सेवाओं में सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है. वहीं राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है. सत्ता पक्ष ने इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है. दूसरी ओर विरोधी पार्षदों ने बोर्ड भंग करने की कार्रवाई को गैरकानूनी करार दिया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल के कट मनी के आंतरिक विवादों के कारण नगरपालिका की यह स्थिति बनी है और इसी वजह से तृणमूल संचालित इस बोर्ड पर सत्ता पक्ष के मंत्री और नेता भी भरोसा नहीं कर पाए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
