हॉटस्टॉक के चक्कर में गंवाये 42.02 लाख

ठगी. शातिरों की लूट की नयी करतूत

By GANESH MAHTO | August 15, 2025 1:10 AM

18 दिनों में निवेश किये गये 42 लाख रुपये बढ़ कर हो गये 4.76 करोड़, पैसे निकालते समय लगा झटका पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में दर्ज हुए केस आसनसोल. दुर्गापुर थाना क्षेत्र के ए-जोन गुरुनानक रोड इलाके की निवासी प्रिया कांतम को साइबर अपराधियों ने अपने झांसे में लेकर 42.02 लाख रुपये लूट लिया. फेसबुक पर दैनिक आधार पर हॉटस्टॉक की जानकारी देने का दावा करने वाली एक विज्ञापन देखकर श्रीमती कांतम उसमें फंस गयी और 18 दिनों के अंदर 42.02 लाख रुपये का निवेश कर बैठी. जब पैसे निकालने की बारी आयी तब उन्हें समझ में आया कि वह साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गयी हैं. जिसकी शिकायत तुरंत उन्होंने एनसीआरपी में की और बुधवार को साइबर क्राइम थाना आसनसोल में इसकी शिकायत दर्ज करायी. जिसके आधार पर कांड संख्या 58/25 में बीएनएस की धारा 316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. श्रीमती कांतम ने पुलिस को बताया कि 25 जून 2025 को उन्होंने फेसबुक सर्फिंग के दौरान दैनिक आधार पर हॉटस्टॉक की जानकारी देने का दावा करने वाली एक विज्ञापन को देखा. दिए गये लिंक पर क्लिक करने पर उन्हें सी-टू सरपास इज टू सक्सीड 360 वन शीर्षक वाले व्हाट्सएप ग्रुप पर रीडायरेक्ट कर दिया गया. उसी दिन आरोही पटेल नामक व्यक्ति ने 7762842124 नम्बर से उन्हें संपर्क किया. जिसने उन्हें लगतार एक निवेश योजना में शामिल होने के लिए राजी कर लिया. शुरूआत में हिचकिचाहट के बाद अंततः उन्होंने 360 वन एचएनडब्ल्यू एप्लिकेशन के माध्यम से एक जुलाई को 10 हजार रुपये का निवेश किया. अगले कुछ सप्ताह के आरोही पटेल और कथित सीइओ करण भगत के निरंतर दाबाव से प्रभावित होकर सात जुलाई से 25 जुलाई के बीच 42.02 लाख रुपये कई चरणों में निवेश किया. स्टॉक आवंटन के संबंध में असहमति के बावजूद उच्च रिटर्न का प्रलोभन देकर उनसे निवेश करवाया. निवेश की गयी राशि 18 दिनों में ही बढ़कर 4,76,51,560 रुपये तक पहुंच गयी. श्रीमती कांतम काफी उत्साहित थी. लेकिन जब वह 4.76 करोड़ रुपये से 40 लाख रुपये निकासी करने गयी तब उन्हे 64,99,434 रुपये सेवा शुल्क का भुगतान करने को कहा गया, जिसे फंड वैल्यू से नहीं काटा जा सकता था और इसे अलग से देना था. इसके बाद पूरी स्थिति साफ हो गयी कि वह साइबर अप्राधिययों के चंगुल में फंसी हुई हैं. अपराधियों ने उन्हें झांसे में लेने के लिए बीएसई और एनएसई कोड का फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किया था. जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम थाने में दर्ज करायी.

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