आधी रात को विश्वभारती के हॉस्टल की छात्राओं ने काटा बवाल, मांगी सुरक्षा
विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने मंगलवार देर रात निम्नस्तरीय भोजन और सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर थाली पीटकर मध्यरात्रि तक विरोध प्रदर्शन किया.
बोलपुर.
विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने मंगलवार देर रात निम्नस्तरीय भोजन और सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर थाली पीटकर मध्यरात्रि तक विरोध प्रदर्शन किया. श्रीसदन सहित अन्य छात्रावासों की छात्राएं लंबे समय से भोजन की खराब गुणवत्ता और सुरक्षा में लापरवाही की शिकायत करती आ रही थीं, लेकिन बार-बार अवगत कराने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. अंततः देर रात छात्राओं का सब्र टूट गया और वे सार्वजनिक रूप से विरोध पर उतर आईं.छात्रावास के बाहर धरना सैकड़ों छात्राएं शामिल
करीब सौ छात्राएं छात्रावास से निकल कर हिंदी भवन के सामने धरने पर बैठ गये. छात्राओं का कहना है कि छात्रावास में परोसा जाने वाला भोजन निम्न गुणवत्ता का है, जबकि इसके लिए ली जानेवाली राशि पर्याप्त है. आरोप लगाया कि स्वच्छता के नियमों का पालन नहीं किया जाता और नियमित शिकायतों के बावजूद संबंधित विभाग की ओर से न तो निरीक्षण किया गया और न ही सुधार के लिए कोई कदम उठाया गया.अधिकारियों तक पहुंची शिकायतें फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
छात्राओं के अनुसार इस मुद्दे को कुलपति, प्रॉक्टर और विभागाध्यक्षों तक कई बार पहुंचाया गया, लेकिन अब तक कोई लिखित निर्देश, निरीक्षण या सुधारात्मक कार्रवाई सामने नहीं आयी है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई. छात्राओं का कहना है कि छात्रावास के महत्वपूर्ण द्वारों पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर भय बना रहता है. उनका दावा है कि यह स्थिति प्रशासन की उदासीनता को दर्शाती है. रात में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन करीब दो घंटे तक चला, पर उस दौरान प्रशासन से कोई आश्वासन, चर्चा या समाधान नहीं दिया गया. छात्राओं ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें सड़कों पर उतरने को बाध्य होना पड़ रहा है. आरोप लगाया कि नये कुलपति प्रबीर कुमार घोष की नियुक्ति के बाद भी छात्रावास की स्थिति सुधारने को ठोस पहल नहीं हुई है. छात्राओं ने स्पष्ट किया कि यदि छात्रावास के भोजन की गुणवत्ता में सुधार, नियमित निरीक्षण और 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की तैनाती सुनिश्चित नहीं की गयी, तो वे आनेवाले दिनों में उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे. विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी से छात्राओं का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है.
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