स्वास्थ्य सेवा की बदहाली के खिलाफ अनशन जारी

गौरतलब है कि 21 जुलाई शहीद दिवस के अवसर पर यूथ कांग्रेस की ओर से आसनसोल के एचएलजी मोड़ पर ‘नो हेल्थ, नो वोट’ अनशन सत्याग्रह की शुरुआत की गयी थी.

By GANESH MAHTO | July 22, 2025 10:23 PM

दूसरे दिन भी जारी रहा युवा कांग्रेस का सत्याग्रह

आसनसोल. जिले में स्वास्थ्य परिसेवा को बेहतर करने की मांग को लेकर जिला युवा कांग्रेस का आमरण अनशन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. गौरतलब है कि 21 जुलाई शहीद दिवस के अवसर पर यूथ कांग्रेस की ओर से आसनसोल के एचएलजी मोड़ पर ‘नो हेल्थ, नो वोट’ अनशन सत्याग्रह की शुरुआत की गयी थी. इस आंदोलन में पश्चिम बर्दवान जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रवि यादव, माइनॉरिटी सेल के फिरोज खान और पीसीसी सचिव प्रसेनजीत पुईतुंडी शामिल हैं.

जिलाध्यक्ष रवि यादव ने कहा कि यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं होता. उनका आरोप है कि आसनसोल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी है जिससे मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य साथी कार्ड के नाम पर निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से लूट की जा रही है.

स्वास्थ्य साथी कार्ड पर उठे सवाल

नेताओं का आरोप है कि स्वास्थ्य साथी कार्ड के नाम पर जनता को ठगा जा रहा है. निजी अस्पताल कार्ड दिखाते ही बहाने बनाना शुरू कर देते हैं और मरीज को बताते हैं कि उनका रोग इस कार्ड की कवरेज में नहीं आता. ऐसे में या तो मरीज से नकद पैसे मांगे जाते हैं या इलाज से मना कर दिया जाता है.

आपातकालीन स्थिति में भी यह कार्ड निष्क्रिय साबित होता है. जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में हमेशा रक्त की कमी बताई जाती है. जबकि वही रक्त निजी अस्पतालों में तीन हजार रुपये में उपलब्ध हो जाता है. युवा कांग्रेस नेताओं का सवाल है कि निजी अस्पताल ऐसा कौन-सा उपकरण इस्तेमाल करते हैं जिससे रक्त मिल जाता है जबकि जिला अस्पताल में रक्त उपलब्ध नहीं होता.

युवा कांग्रेस की मांग है कि स्वास्थ्य सेवा में जल्द सुधार हो. यदि प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा.

जिला अस्पतालों की हालत बेहद चिंताजनक

आसनसोल साउथ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शाह आलम ने कहा कि राज्य के साथ-साथ जिले की स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल हो चुकी हैं. जिला अस्पताल में ओपीडी में डॉक्टरों और दवाइयों की कमी है. इनडोर वार्ड की स्थिति इतनी खराब है कि एक-एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को रखा जा रहा है. ईएसआई अस्पताल, जिला अस्पताल और अन्य सरकारी संस्थानों में आईसीयू, एनआईसीयू, सीटी स्कैन और रक्त परीक्षण जैसी बुनियादी सुविधाओं का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है.

शाह आलम ने आरोप लगाया कि बिना नेताओं की सिफारिश के मरीजों को आईसीयू में भर्ती नहीं किया जाता. अधिकांश मरीजों को बिना इलाज के ही बर्दवान मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है.

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