पुलिस बैरिकेड तोड़ अग्निमित्रा पाल पहुंचीं सीपी ऑफिस के गेट पर, दिया दो घंटे धरना
आसनसोल साउथ विधानसभा क्षेत्र के तिराट इलाके में बुधवार को जनसंपर्क अभियान के दौरान स्थानीय विधायक व भाजपा प्रदेश सचिव अग्निमित्रा पाल को तृणमूल नेता द्वारा एक घंटे तक घेरकर हंगामा करने और कथित तौर पर हमला किये जाने के विरोध में गुरुवार को आसनसोल पुलिस आयुक्त (सीपी) कार्यालय के समक्ष पुलिस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच जम कर टकराव हुआ.
आसनसोल.
आसनसोल साउथ विधानसभा क्षेत्र के तिराट इलाके में बुधवार को जनसंपर्क अभियान के दौरान स्थानीय विधायक व भाजपा प्रदेश सचिव अग्निमित्रा पाल को तृणमूल नेता द्वारा एक घंटे तक घेरकर हंगामा करने और कथित तौर पर हमला किये जाने के विरोध में गुरुवार को आसनसोल पुलिस आयुक्त (सीपी) कार्यालय के समक्ष पुलिस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच जम कर टकराव हुआ. श्रीमती पाल बुधवार की घटना की शिकायत लेकर गुरुवार अपराह्न 4:00 बजे अपने समर्थकों के साथ रैली बनाकर पुलिस आयुक्त से मिलने के लिए बीएनआर मोड़ से निकली. पुलिस ने दो बैरिकेड लगा कर उन्हें रोकने का प्रयास किया. भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस का टकराव हुआ. आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं पर लाठियां भांजी, जिसमें कुछ महिलाएं घायल हुई. इसके बावजूद भी भाजपा कार्यकर्ता पुलिस का दोनों बैरिकेड तोड़कर सीपी कार्यालय के गेट तक पहुंचे. गेट में ताला बंद होने के कारण श्रीमती पाल अपने समर्थकों के साथ गेट पर ही धरने पर बैठ गयी. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुब दास सहित अन्य बड़े अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. श्रीमती पाल से पुलिस के अधिकारी अनेकों बार बात करके धरना समाप्त कराने का प्रयास किया लेकिन वह बैठी रही. उनकी मांग थी कि पुलिस उनकी सुरक्षा का आश्वासन दे और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति फिर से नहीं होगी, यह सुनिश्चित करे. अपरान्ह सवा चार बजे से शाम सवा छह बजे तक धरना चला, पुलिस की ओर से उन्हें कहा गया कि हर परिस्थिति में पुलिस उनकी मदद करेगी. जिसके बाद धरना समाप्त हुआ. गौरतलब है कि विधायक श्रीमती पाल अपने क्षेत्र में पाड़ाय-पाड़ाय दीदीभाई कार्यक्रम के तहत लगातार जनसंपर्क अभियान चला रही है और तृणमूल के नेता अपने समर्थकों के साथ उनका विरोध कर रहे हैं. ऐसा अनेकों बार हुआ है. तृणमूल नेता उन्हें घेरकर यह पूछ रहे हैं कि इतने दिनों आप कहां थी, चुनाव आते ही आप नजर आ रही है. कुछ दिनों पहले मिठाई लेकर उनका स्वागत करके पूछा गया कि इतने दिनों कहां थी.बुधवार को भी श्रीमती पाल जनसंपर्क अभियान पर थी, इसी दौरान तृणमूल के एक नेता अपने समर्थकों के साथ उनकी गाड़ी को रोक लिया और विरोध करने लगे. स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. पुलिस को आकर विधायक को रेस्क्यू करना पड़ा. श्रीमती पाल का आरोप है कि शराब के नशे में तृणमूल नेता अपने समर्थकों के साथ उन्हें घेरकर अभद्र आचरण किया है, उनपर हमला करने का प्रयास किया. सुरक्षा कर्मियों ने रोक दिया. पुलिस को सूचना देने के एक घंटे बाद पहुंची और दुबकी हुई थी. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सूचना मिलने के बाद ही पुलिस रवाना हो गयी और 20 मिनट के अंदर वहां पहुंची और उन्हें रेस्क्यू करके निकाला गया.
बालू की काली कमाई की उजागर, इसलिए झेल रहीं हमले
अग्निमित्रा पाल ने आरोप लगाया कि तिराट में उनके अवैध रेत खनन के खिलाफ अभियान के बाद तृणमूल कांग्रेस नेताओं के अवैध कमाई का स्रोत बंद हो गया, जिसके चलते तृणमूल कांग्रेस नेता व समर्थक आम जनता के रूप में शामिल होकर उन्हें इसतरह से हमला कर रहे हैं. जब वह रेत खनन रोकने के लिए क्षेत्र में पहुंचती हैं, तब पुलिस मौके पर नहीं रहती, एक घंटे देर से पहुंचती है. जब मुझे और मेरे समर्थकों को तृणमूल कांग्रेस के लोग रोकते हैं, तब पुलिस नदारद रहती है, लेकिन आज जब मैं पुलिस कमिश्नर कार्यालय में जवाब मांगने आयी, तभी पुलिस भारी बैरिकेडिंग कर हमें रोक रही है. इससे साबित होता है कि पुलिस तृणमूल कांग्रेस की कैडर बन गयी है. बालू तस्करी में पुलिस की मिलीभगत का भी आरोप लगाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
