बांग्लाभाषियों के उत्पीड़न के खिलाफ माकपा का जोरदार प्रदर्शन

सोमवार दोपहर, माकपा नेताओं व कैडरों ने रानीगंज के नेताजी मोड़ से एक रैली निकाली, जो सीआर रोड व बड़ा बाजार से होते हुए वापस नेताजी मोड़ पर आकर समाप्त हुई.

By GANESH MAHTO | July 29, 2025 1:24 AM

रानीगंज. देश के विभिन्न हिस्सों में बांग्ला भाषी लोगों पर हो रहे कथित अत्याचार और उत्पीड़न के विरोध में आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की रानीगंज लोकल कमेटी ने विरोध प्रदर्शन किया और जनसभा कर प्रतिवाद जताया. सोमवार दोपहर, माकपा नेताओं व कैडरों ने रानीगंज के नेताजी मोड़ से एक रैली निकाली, जो सीआर रोड व बड़ा बाजार से होते हुए वापस नेताजी मोड़ पर आकर समाप्त हुई. रैली के बाद नेताजी मोड़ पर एक जनसभा का आयोजन किया गया. मौके पर रानीगंज के पूर्व विधायक रुनू दत्त, कृष्ण दास गुप्ता, हेमंत प्रभाकर, कल्लोल घोष, देवीदास बनर्जी, सुप्रियो राय सहित बड़ी संख्या में वामपंथी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे. सभा के मंच से पूर्व विधायक रुनू दत्त ने केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, “देश में भाषा और संस्कृति के नाम पर विभाजन की राजनीति की जा रही है. अभिव्यक्ति के माध्यमों को दबाने की घटनाएं न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक विविधता पर भी हमला है. अगर यह सिलसिला बंद नहीं हुआ, तो जनता सड़कों पर उतर कर जवाब देगी. ” उन्होंने आगे कहा, “कोई भी भाषा या संस्कृति किसी से कम नहीं. भारत की ताकत इसकी विविधता में है, और उसे दबाने की हर कोशिश का हम विरोध करेंगे. ” वामपंथी नेताओं ने अपने वक्तव्य में पूरे देश में बांग्ला भाषी लोगों पर हो रहे अत्याचार पर गहरी चिंता व्यक्त की और भाजपा, आरएसएस और टीएमसी से जवाब मांगा. उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हीं पार्टियों और शक्तियों की वजह से आज पूरे देश में बांग्ला भाषी लोग अत्याचार का शिकार हो रहे हैं. वक्ताओं ने यह भी कहा कि यह देश की तमाम भाषाओं, अभिव्यक्तियों और संस्कृति की रक्षा की लड़ाई है.

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