राज्य ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मी संघ का पहला सम्मेलन
नये संगठन ने हर जिले में विशेष आम सम्मेलन के माध्यम से पुनर्गठन और समीक्षा प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया है.
बांकुड़ा. पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक सेवानिवृत्त कर्मी संघ का पहला विशेष सम्मेलन यहां शहर के निजी लॉज में संपन्न हो गया. इसमें संघ की सुविधाओं व समस्याओं पर चर्चा हुई. बताया गया कि केंद्र सरकार की ‘एक राज्य – एक ग्रामीण बैंक’ नीति के कार्यान्वयन के फलस्वरूप, हमारे राज्य के तीन ग्रामीण बैंकों, यानी ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक और उत्तर बंगाल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के विलय से नया बैंक बना है, जो गत एक मई से सेवारत है. फलत: राज्य में पूर्ववर्ती बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ट्रेड यूनियनों का भी संगठनात्मक स्तर पर गठन किया गया है, जो राज्य में ग्रामीण बैंकिंग क्षेत्र में सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सबसे बड़ा संगठन है. नये संगठन ने हर जिले में विशेष आम सम्मेलन के माध्यम से पुनर्गठन और समीक्षा प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया है. क्षेत्रीय समिति की विशेष आम बैठक बांकुड़ा की गयी.इससे पहले सम्मेलन का शुभारंभ ध्वजारोहण और शहीद वेदी पर माल्यार्पण के बाद हुआ. सचिव रिपोर्ट मंत्री सुधांशु शेखर पांडा ने पढ़ी. उनके अनुसार 1975 में गठित ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों को वाणिज्यिक बैंकों के कर्मचारियों के बराबर कोई वेतन या पेंशन नहीं मिलती थी. हमारे केंद्रीय संगठन एआइआरबीईए ने सांगठनिक व कानूनी संघर्ष के बाद पहले सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से वाणिज्यिक बैंकों के कर्मचारियों के बराबर वेतन और बाद में, 2018 में, केंद्र सरकार के अनिच्छुक हाथों से सेवानिवृत्त लोगों के लिए समान दर और नियमों पर पेंशन प्राप्त की. केंद्र सरकार ने पहले तो पूर्व से पेंशन देने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में 2024 में, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर, उसे 01.11.1993 से पेंशन लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस लड़ाई में ग्रामीण बैंक कर्मचारियों को ऐतिहासिक जीत मिली है. बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय संगठन के महासचिव अब्दुल सईद खान, एनएफआरआरआरबीएस ने इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भावी रणनीति के बारे में सलाह दी.इस बैठक में आइपीओ या शेयरों की बिक्री के माध्यम से ग्रामीण बैंक के निजीकरण की नीति का कड़ा विरोध किया गया और ग्रामीण बैंकों को स्वतंत्र और प्रभावी ढंग से काम करने का अवसर देने के लिए वाणिज्यिक संस्थागत बैंकों से मुक्त एक राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक के गठन की माँग की गई इसके अतिरिक्त, पेंशन अद्यतनीकरण, परिवर्तित पेंशन की समय पर वापसी, वृद्धजनों के स्वास्थ्य संरक्षण हेतु चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर सब्सिडी, ग्रामीण बैंक में उचित संख्या में कर्मचारियों की भर्ती और सभी के लिए समान पदोन्नति, सभी के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करना, अस्थायी कर्मचारियों की नौकरियों का नियमितीकरण आदि की मांग की गयी. क्षेत्रीय समिति की इस विशेष आम बैठक में सर्वसम्मति से अगले तीन वर्षों के लिए क्रमशः अध्यक्ष और सचिव, गुरुदास लक्ष्मण और सुधांशु शेखर पांडा के नेतृत्व में एक सशक्त समिति का चुनाव किया गया . .वक्ता के रूप में अनादि महतो और बिधान चक्रवर्ती उपस्थित थे.
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