परेड में बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किये जाने से TMC नाराज

कोलकाता : नयी दिल्ली में होने वाली मुख्य गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों की झांकियों के चयन को लेकर आज विवाद पैदा हो गया और तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बार बार आग्रह करने के बावजूद पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया गया. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 26, 2015 7:41 PM

कोलकाता : नयी दिल्ली में होने वाली मुख्य गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों की झांकियों के चयन को लेकर आज विवाद पैदा हो गया और तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बार बार आग्रह करने के बावजूद पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किया गया.

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन ने कोलकाता में कहा, गणतंत्र दिवस परेड के लिए बंगाल की झांकी में कन्या श्री योजना का चित्रण था लेकिन इसे अनुमति नहीं दी गई. हमने कई बार आग्रह किया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. लेकिन जिंदगी चलती रहती है.

ओब्रायन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और राज्य की झांकी से जुडे मामले के राजनीतिकरण के लिए पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ पार्टी की आलोचना की. भगवा पार्टी ने यह भी कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस की ओछी मानसिकता का मामला है.

भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने कहा, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि गणतंत्र दिवस के शुभ दिन, राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक बयान दे रही हैं. राव ने कहा कि राज्य की झांकियों का चयन एक समिति द्वारा किया जाता है जिसके प्रमुख रक्षा सचिव होते हैं. इसके अलावा कई अन्य विशेषज्ञ भी समिति में होते हैं.

उन्होंने कहा, यह राजनीतिक रुप से लिए जाने वाले फैसले नहीं हैं और इस फैसले के संबंध में कई हफ्ते पहले ही सूचित कर दिया गया था. भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व क्विज मास्टर ओब्रायन पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उन्हें पोलिटिसाइजिंग मास्टर कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने गणतंत्र दिवस का राजनीतिकरण कर दिया है.

केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा, यह (तृणमूल की टिप्पणी) उनकी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करता है. भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि मुख्य गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों की झांकियों के चयन में पारदर्शिता होनी चाहिए. उन्होंने कहा, समय आ गया है कि इस मामले में कुछ पारदर्शिता होनी चाहिए.

बंगाल की अनोखी कन्याश्री योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विकास विभाग और यूनीसेफ ने बालिका शिखर सम्मेलन-2014 के लिए इस योजना का चयन किया था. इस योजना के तहत सरकार से मान्यताप्राप्त स्कूलों में आठवी से 12वीं कक्षा में पढने वाली 13 से 18 साल की लड़कियां वार्षिक 500 रुपये की छात्रवृत्ति पाने की हकदार हैं. इसके तहत 18 और 19 साल के बीच की उम्र की लड़कियों को एकमुश्त 25,000 रुपये उच्च शिक्षा के लिए मिलते हैं.

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