मालदा: नहीं थम रहा नवजातों की मौत का सिलसिला, फिर आठ शिशुओं की मौत

मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बीते शुक्रवार से शनिवार तक 24 घंटे में आठ नवजात शिशुओं की मौत हो गयी. मृत नवजातों में तीन बच्ची व पांच बच्चे शामिल हैं. इनकी उम्र एक दिन से छह दिन के बीच थी. मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार, नवजातों की मौत ठंड, सांस में तकलीफ व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 16, 2014 1:23 AM

मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बीते शुक्रवार से शनिवार तक 24 घंटे में आठ नवजात शिशुओं की मौत हो गयी. मृत नवजातों में तीन बच्ची व पांच बच्चे शामिल हैं. इनकी उम्र एक दिन से छह दिन के बीच थी. मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार, नवजातों की मौत ठंड, सांस में तकलीफ व कम वजन के कारण हुई है.

आठ बच्चों में पांच बच्चे बाहर के रहनेवाले थे. एक बच्च दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट व बाकी चार बच्चे मालदा जिले के विभिन्न इलाकों के थे. इनमें से तीन बच्चों का जन्म मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ही हुआ था. पांच शिशुओं का इलाज एसएनसीयू वार्ड में चल रहा था. अभिभावकों ने शिशुओं की मौत के लिए मेडिकल कॉलेज की चिकित्सकीय लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. कालियाचक थाना क्षेत्र की रहनेवाली आयशा बीबी ने बताया कि 12 नवंबर को वह प्रसव पीड़ा लेकर मालदा मेडिकल कॉलेज में भरती हुई थीं.

उसी रात को उन्होंने एक कन्या संतान को जन्म दिया. 14 नवंबर को नवजात की मौत हो गयी. जन्म के बाद से उनकी बच्ची को लेबर रूम में रख दिया गया था. चिकित्सकों ने बताया था कि बच्ची की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए उसे एनएनसीयू में रखा गया है. बच्ची को क्या समस्या थी, इस बारे में नहीं बताया जा रहा था. उन्होंने बताया कि सही तरीके से इलाज नहीं किये जाने के कारण ही उनकी बच्ची की मौत हो गयी. दूसरे अभिभावकों ने भी कुछ इसी तरह का आरोप लगाया है. दूसरी ओर, मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि शिशुओं को जिस कंडीशन में लाया गया था, उन्हें बचाना मुश्किल था. जिन शिशुओं का जन्म मेडिकल कॉलेज में हुआ था, उनका वजन काफी कम था. बाहर से लाये गये बच्चों को सांस में तकलीफ व इंफेक्शन के कारण उनकी मौत हुई है.

Next Article

Exit mobile version