नर्सिंग होम में करने लगे तोड़फोड़, रोकने पहुंची पुलिस पर हमला

कूचबिहार : 11 जनवरी को दुर्घटना में घायल कूचबिहार के दो नंबर प्रखंड के चकचका हाई स्कूल के छात्र पार्थ भौमिक की सोमवार की सुबह मौत हो गयी. मौत के बाद परिजनों ने निजी नर्सिंग होम पर ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया. कुछ देर बाद स्थानीय लोग भी जमा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 1:47 AM

कूचबिहार : 11 जनवरी को दुर्घटना में घायल कूचबिहार के दो नंबर प्रखंड के चकचका हाई स्कूल के छात्र पार्थ भौमिक की सोमवार की सुबह मौत हो गयी. मौत के बाद परिजनों ने निजी नर्सिंग होम पर ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया. कुछ देर बाद स्थानीय लोग भी जमा हो गये और चकचका इलाके में निजी अस्पताल के सामने ही राष्ट्रीय राजमार्ग-31 को जाम कर दिया. सड़क अवरोध की खबर पाकर कूचबिहार कोतवाली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची.

पुलिस को देखकर उत्तेजित छात्रों ने अस्पताल पर हमला कर दिया और अस्पताल के भीतर घुसकर तोड़फोड़ करने लगे. हालात को देखते हुए कोतवाली थाने की आईसी सोमयजीत राय ने लाठीचार्ज का आदेश दिया. इसके बाद उग्र भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की गयी. इसमें आईसी सहित कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है.

उत्तेजित भीड़ ने अस्पताल परिसर में लगी तमाम गाड़ियों में तोड़फोड़ की. हालात को बेकाबू होते देख डीएसपी हेड क्वार्टर समीर पाल सहित रेफ की टीम पहुंची. इसके बाद आंदोलनकारियों पर बल पूर्वक काबू पाया गया. पुलिस ने 13 लोगों को पकड़ा है. वहीं इस घटना के बाद अस्पताल में इलाजरत मरीजों के परिजनों में आतंक है. अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल की सुरक्षा की मांग करते हुए एक रिपोर्ट थाने में दर्ज की है.

स्थानीय युवक सुजीत भौमिक ने बताया कि 11 जनवरी को घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सिटी स्कैन सुबह करने की बात थी, लेकिन शाम तक नहीं होता है. ईलाज में काफी लापरवाही बरती गयी है जिसके कारण ऐसी घटना हुई है.उन्होंने कहा कि लोग जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बात करने के बदले लाठीचार्ज कर किया.

कूचबिहार कोतवाली थाने की आईसी सोमयजीत राय ने कहा कि स्थानीय लोग आंदोलन कर रहे थे, उन्हें जाम हटाने के लिए कहा जा रहा था, लेकिन वो लोग अस्पताल पर हमला कर दिये, उन्हें रोका गया तो पुलिस पर हमला कर दिये. मेरे ऊपर भी पत्थर फेंका गया. तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 13 लोगों को अब तक पकड़ा गया है. पुलिस पूरी घटना की जांच कर रही है.

निजी अस्पताल के प्रबंधक विक्रम बोस ने कहा कि मरीज 11 जनवरी को अस्पताल में भर्ती हुआ था. उसके बाद मरीज की हालत ठीक नहीं थी, इस विषय में मरीज के परिजन को बताया भी गया था. बाहर ले जाने के लिए कहा गया, लेकिन उनके द्वारा यहीं पर ईलाज करने की बात कही गयी.

सुबह जब मरीज की मौत हो गयी, तो अचानक से छात्रों ने सड़क अवरुद्ध कर दिया. बाद में कुछ बाहरी लोगों की मदद से अस्पताल के भीतर घुसकर तोड़फोड़ की गयी. संपत्ति को काफी मात्रा में नष्ट किया गया है. हमारे कर्मचारी को भी मारा पीटा गया है. थाने में एक रिपोर्ट भी दर्ज की गयी है. प्रशासन अगर ठीक से सुरक्षा व्यवस्था अस्पताल में नहीं देती है तो आगामी में हम अस्पताल बंद करने में बाध्य होंगे.

Next Article

Exit mobile version