Watch Video : सीएम योगी को पैरों की आहट से पहचान लेतीं हैं गाएं

Watch Video : अवैध बूचड़खानों और गोवंश की तस्करी पर सीएम योगी ने लगाम लगाई है. यूपी सरकार के आठ साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान निराश्रित गोवंश का सहारा योगी सरकार बनी है. गोमाता के प्रति प्रेम के भाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हैं जो गायों को भी पसंद आता है.

By Amitabh Kumar | March 25, 2025 11:55 AM

Watch Video : अवैध बूचड़खानों में न गाय कटने देंगे, न गोवंश की तस्करी होने देंगे. यूपी की योगी सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है. सरकार का लक्ष्य है कि सड़कों पर बेसहारा गोवंश भी न दिखें. सरकार अपने तरीके से तो हर संभव कोशिश करेगी ही, इस गोमाता को बचाने में जन सहयोग भी बेहद जरूरी है. गोवंश संरक्षण के साथ गोमाता के प्रति प्रेम के ये भाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हैं. अपने आठ साल के कार्यकाल में योगी सरकार ने गोवंश संरक्षण के क्षेत्र में मिसाल प्रस्तुत की है.

गोरखनाथ मंदिर की गोशाला और गोवंश से योगी का प्रेम

गोवंश संरक्षण की मंशा उसकी हो सकती है जिसे दिखावे के लिए नहीं हकीकत में गाय और गोवंश से दिल से प्रेम हो. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे ही व्यक्ति हैं जिनको गोवंश से प्रेम है. यह प्रेम दोतरफा है. जितना वह गायों को प्रेम करते हैं, उतना ही गाय और उनके बच्चे भी उनसे. जब भी गोरखपुर में वह अपने गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित मठ में रहते हैं, उनके दिनचर्या की शुरुआत मंदिर स्थित गोशाला से ही होती है. जैसे ही वह गोशाला की ओर बढ़ते हैं, गोवंश उनके कदमों की आहट को पहचान जाते हैं। उनमें मुख्य गेट तक सबसे पहले पहुंचने की होड़ मच जाती है. गोशाला के अंदर जाने पर भी कमोबेश यही हालत रहते हैं. गाय और उनके बच्चे उनको घेर लेते हैं. वह हर किसी को नाम से पुकारते, पुचकारते हैं और चना, गुड़, रोटी या हरा चारा भी खिलाते हैं.

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गोशाला के सभी गोवंश देशी नस्ल के

खास बात ये है कि इस गोशाला के सारे गोवंश देशी नस्ल के हैं. इनकी कुल संख्या करीब 400 होगी. गोवंश से इसी प्रेम के नाते मार्च 2017 में जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बने तब अवैध बूचड़खानों, गोवंश और उसके मांस की तस्करी पर बेहद सख्ती से रोक लगा दिया. उनका मानना है कि “गो माता के गर्दन और बूचड़ के छुरे के बीच भगवान के साथ भी बहुत कुछ है.” उन्होंने सिर्फ सख्ती ही नहीं की बल्कि बेसहारा गायों को सरकारी खर्च से गोआश्रयों में रखने की भी नायब पहल की.

प्रदेश के 7700 गोआश्रयों में संरक्षित हैं 12.5 लाख गोवंश

इसी पहल के तहत अब तक प्रदेश में योगी सरकार  7700 से अधिक गोआश्रय बना चुकी है. इनमें करीब 12.5 लाख निराश्रित गोवंश रखे गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत करीब 1 लाख लाभार्थियों को 1.62 लाख निराश्रित गोवंश दिए गए हैं. योजना के तहत हर लाभार्थी को प्रति माह 1500 रुपये भी दिए जाते हैं. सीएम योगी की मंशा के अनुसार गोआश्रय केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संबंधित विभाग कृषि विभाग से मिलकर सभी जगहों पर वहां की क्षमता के अनुसार वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाएगा. गोबर और गोमूत्र को प्रसंस्कृत करने के लिए उचित तकनीक की जानकारी देने के बाबत इन केंद्रों और अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें चारे की उन्नत प्रजातियों के बेहतर उत्पादन उनको फोर्टीफाइड कर लंबे समय तक संरक्षित करने के बाबत भी प्रशिक्षत किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय चारा अनुसंधान केंद्र झांसी की मदद ली जाएगी.